लखनऊ। आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रोडक्शन यूनिट में ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ महीने पहले ही ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण अब लखनऊ में किए जाने की जानकारी दी थी।
लखनऊ डिफेंस सिटी के रूप में उभर रहा
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल बनी। लखनऊ तकनीकी का शहर बन रहा है। लखनऊ डिफेंस सिटी के रूप में उभर रहा है। तहजीब के शहर में मिसाइल बन रही है। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर में जो हुआ वह सिर्फ एक ट्रेलर था। लेकिन उस ट्रेलर ने ही पाकिस्तान को यह एहसास करा दिया कि अगर भारत पाकिस्तान को जन्म दे सकता है, तो वह और क्या कर सकता है, इसके बारे में मुझे और कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है।
सीएम योगी बोले- मेरे लिए, उपलब्धि का क्षण
इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि यह हमारे लिए और विशेष रूप से मेरे लिए, उपलब्धि का क्षण है, क्योंकि हम प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ के संकल्प को पूरा करने और रक्षा मंत्री की उपस्थिति में ‘स्वदेशी’ तकनीक पर आधारित ब्रह्मोस मिसाइल के पहले बैच को हरी झंडी दिखाने के लिए भाग्यशाली हैं। यह मिसाइल भारत की रक्षा आवश्यकताओं में आत्मनिर्भरता का प्रतिनिधित्व करती है।
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2500 एकड़ में डिफेंस कॉरिडोर बन रहा
सीएम योगी ने कहा कि इसका अर्थ है कि ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों के माध्यम से भारत अब न केवल अपनी सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है, बल्कि दुनिया भर के अपने मित्र देशों की सुरक्षा आवश्यकताओं को भी पूरा करने में सक्षम है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि रक्षा उत्पादन में 15 हजार नौकरी मिली।सुरक्षा ही चैन की नींद देती है। DRDO ने हमें 40 करोड़ GST दिया। अमेठी में AK-203 का निर्माण हो रहा है। 2500 एकड़ में डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है।
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300 करोड़ रुपये की लागत से बना केंद्र
यह कदम न केवल भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत बढ़ाएगा बल्कि रक्षा निर्यात और रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा। करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से बने इस केंद्र में अत्याधुनिक उत्पादन लाइनें, स्वचालित गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली और अत्याधुनिक परीक्षण उपकरण स्थापित किए गए हैं। भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
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बताया जा रहा है कि प्रारंभिक चरण में लखनऊ यूनिट से वार्षिक उत्पादन क्षमता 80 से 100 ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की होगी। जैसे ही संचालन स्थिर हो जाएगी। उसके बाद उत्पादन क्षमता 100 से बढ़ाकर 150 मिसाइलें प्रति वर्ष करने का लक्ष्य रखा गया है। यह इकाई केवल भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ही नहीं बल्किवैश्विक बाजार में भारत की उपस्थिति मजबूत करने के लिए भी तैयार की गई है।
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