विकास कुमार/ सहरसा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सहरसा सीट पर महागठबंधन प्रत्याशी आईपी गुप्ता ने शनिवार को अपने नामांकन से पहले ऐसा अंदाज़ अपनाया, जिसने पूरे इलाके में हलचल मचा दी। वे नामांकन करने हेलीकॉप्टर से अनुमंडल कार्यालय पहुंचे। उनके आगमन को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी और नामांकन के बाद उन्होंने जो दृश्य रचा, उसने सबको चौंका दिया।
दूध-गंगाजल से स्नान, फूल और बेलपत्र की वर्षा
नामांकन के बाद गुप्ता के समर्थकों ने उन्हें ज़मीन पर बैठाकर गंगाजल और दूध से स्नान कराया। कोई गैलन से गंगाजल डाल रहा था तो कोई दूध उंडेल रहा था। इसी बीच उनके शरीर पर फूल और बेलपत्र चढ़ाए जा रहे थे बिल्कुल वैसे जैसे किसी शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है। यह पूरा दृश्य कैमरे में कैद हुआ और कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वायरल वीडियो पर पंडितों और लोगों की प्रतिक्रिया
वीडियो सामने आते ही धार्मिक वर्ग से आलोचना शुरू हो गई। सहरसा के पंडित बसुकी नाथ झा ने कहा गंगाजल, दूध और बेलपत्र तो भगवान महादेव को चढ़ाए जाते हैं। कोई इंसान देवता से भी ऊपर कैसे हो सकता है? यह सनातन धर्म का अपमान है और हिन्दू समाज के लिए कलंक है। इस बयान के बाद स्थानीय स्तर पर भी चर्चा छिड़ गई कि चुनावी प्रचार में धार्मिक प्रतीकों का इस तरह इस्तेमाल कहाँ तक उचित है।
राजनीतिक संदेश या प्रचार-स्टंट?
गुप्ता का यह अनोखा प्रदर्शन राजनीति के गलियारों में भी बहस का विषय बन गया है। कुछ इसे “धार्मिक भावनाओं से खेलना” बता रहे हैं तो समर्थक इसे “श्रद्धा और आशीर्वाद का प्रतीक” कह रहे हैं। इस तरह के प्रदर्शन से जनता का ध्यान खींचा तो जा सकता है, लेकिन इससे विवाद भी जन्म लेता है।
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