मथुरा. श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के 54 साल पुराने तहखाने को आज दूसरे दिन फिर से खोला गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी हाई पावर्ड कमेटी की निगरानी में यह प्रक्रिया संपन्न हुई. मंदिर परिसर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ और सुरक्षा बलों का पहरा देखने को मिला. पहले दिन जब तहखाना खोला गया था, तो वहां से कुछ बर्तन, लकड़ी का सिंहासन और पुराने बक्से बरामद हुए थे. बताया गया कि इनमें से कई वस्तुएं भक्तों की भेंट थीं. समय की कमी के कारण तहखाना बंद कर दिया गया था.

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बता दें कि दूसरे दिन यानी आज की जांच के दौरान कमेटी ने फोटोग्राफिक डॉक्यूमेंटेशन और इन्वेंटरी लिस्ट तैयार की. जांच में एक तिजोरी से 1942 के दो तांबे के सिक्के, दूसरी तिजोरी से कुछ पुराने सिक्के, एक बक्से से 3 चांदी की छड़ें और 1 सोने की छड़ी बरामद हुई, जिस पर गुलाल लगा था. कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि तहखाने के नीचे वाले कमरे की भी तलाशी ली गई, लेकिन वहां कोई मूल्यवान वस्तु नहीं मिल. अब तहखाना पूरी तरह खाली कर दिया गया है.

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उठे रहे गंभीर सवाल

54 साल बाद खुले इस खजाने को लेकर अब सवाल खड़े हो गए हैं. कमेटी सदस्य दिनेश गोस्वामी ने कहा, खजाना तो खुल गया, लेकिन यह सवाल जरूर रह गया कि बाकी सब चीजें कहां गईं? जब संदूकों में खाली डिब्बे मिले और कीमती सामान गायब है, तो जांच जरूरी है. उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और कहा है कि अगली बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा.

कमेटी अब अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है. सभी वस्तुओं की फोटो और सूची जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी। वहीं, स्थानीय प्रशासन और पुलिस को भी जांच में शामिल किए जाने की संभावना है, ताकि दशकों से बंद पड़े इस मंदिर खजाने के रहस्य से पर्दा उठ सके.