रायपुर। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक और बड़ा असर हुआ है. कवर्धा के बहुउद्देशीय पर्यवेक्षकों की पदोन्नति को संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ ने निरस्त कर दिया है. संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ ने सीएमएचओ को आदेश जारी किया है. आदेश में पदोन्नति के आधार पर सवाल उठाए गए हैं और विसंगतिपूर्ण बताया गया है. इसके साथ ही सीएमएचओ को आदेश दिया गया है कि वे तत्काल प्रभाव से सभी पदोन्नति को निरस्त करते हुए इसकी सूचना संचालनालय को देवें.
यह था मामला
कवर्धा के बहुउद्देश्यीय पर्यवेक्षक के पदोन्नति में भारी गड़बड़ी और आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई थी. यहां वरिष्ठता क्रम के साथ छेड़छाड़ कर अपने चहेतों को पदोन्नति दे दी गई थी.
मामला 24 अगस्त का है, जब पुरुष एवं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का पदोन्नति आदेश जारी किया गया. इस आदेश के तहत जो पदोन्नति सूची जारी की गई है, उसमें ना ही वरिष्ठता क्रम का पालन किया गया है और ना ही आरक्षण नियमों का.
इससे पहले दिनांक 26 नवंबर 2012 क्रमांक ए एस 2/2003/1-3 में जारी पदोन्नति में आरक्षण रोस्टर के अनुसार अनुसूचित जाति के लिए 12% व अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण है..इस आदेश की अवहेलना इनके आदेश में साफ तौर पर दिखाई दे रहा थी.
इनके द्वारा जारी 32 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए पदोन्नति आदेश जारी किया गया था. आरक्षण रोस्टर के अनुसार अनुसूचित जाति के 4 पद एवं अनुसूचित जनजाति के 10 पद और अनारक्षित के लिए 18 पद होना चाहिए था. लेकिन इनके द्वारा जारी किए गए पदोन्नति लिस्ट में अनारक्षित महिला के 11 पद, अनारक्षित पुरुष के 5 पद, अनुसूचित जाति के 4 पद और अनुसूचित जनजाति के 12 पद पर पदोन्नति किया गया है ..सूची में जहां अनारक्षित वर्ग के महिलाओं को ज्यादा तवज्जो दी गई थी, वहीं अनुसूचित जाति वर्ग में महिलाओं को जगह ही नहीं दी गई ती.. इससे ज्ञात होता है कि इनके द्वारा अपने चेहेते लोगों को पात्रता का लाभ देने के लिए नियम को ताक में रखकर पदोन्नति लिस्ट जारी किया गया था.
वरिष्ठता सूची में क्रमांक 5 के सीडी कोर्राने, क्रमांक 6 के राजेश सोनी, क्रमांक 7 के सुरेंद्र देवांगन, क्रमांक 8 के कांशी राम सिन्हा, क्रमांक 9 के प्रशांत स्टीफन, क्रमांक 10 के सुनील विश्नोई,क्रमांक 11 के डाली राम पारधी के अच्छे सर्विस रिकॉर्ड होने के बावजूद इनकी अनदेखी कर चहेतो को लाभ देने सूची जारी की गई और योग्य व हकदार को छोड़ दिया गया था.
पदोन्नति सूची के गड़बड़ी की पोल खुलने के डर से सीडी कोर्राने को लिस्ट जारी होने के ही दिन कार्य मुक्त करना कई सवाल खड़े करता है. पदोन्नति सूची जारी होने के बाद कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखा गया था.