पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जन्म से मूक-बधिर 15 वर्षीय हिंदू लड़की एक हफ्ते से अधिक समय तक लापता रहने के बाद मीडिया के सामने आई है। लड़की के पास एक प्रमाण-पत्र था जिसके मुताबिक उसने उम्रदराज मुस्लिम व्यक्ति से शादी के बाद इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया है। लड़की पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदिन जिले के कोरवाह कस्बे की रहने वाली है। वह लगभग 9 दिन पहले लापता हो गई थी। उसके माता-पिता ने स्थानीय थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज करवाई थी।

शनिवार को वह बदिन प्रेस क्लब में अपने कथित पति के साथ मीडिया के सामने आई। इस दौरान उसके पास इस्लाम धर्म अपनाने से जुड़ा प्रमाण पत्र था। लड़की के पिता ने सवाल उठाया कि एक मूक-बधिर नाबालिग लड़की मादक पदार्थ तस्कर और सात बेटियों के बाप से शादी करने के लिए कैसे सहमत हो सकती है।

हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों व कल्याण के लिए काम करने वाले दरवार इत्तेहाद पाकिस्तान नामक एक संगठन के प्रमुख शिव कच्छी ने कहा कि लड़की का अपहरण किया गया था, लेकिन पुलिस ने परिवार की शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। कच्छी ने कहा कि हमने अपने वकीलों से बात की है ताकि हम मामले को आगे ले जा सकें, क्योंकि हमें विश्वास नहीं है कि लड़की ने अपनी मर्जी से यह कदम उठाया होगा। कच्छी ने यह भी कहा कि उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है।

पाकिस्तान पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा

Minority Rights की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू आबादी कुल जनसंख्या का लगभग 1।2 प्रतिशत है, यानी करीब 19।6 लाख लोग रहते हैं। इनमें से भारी बहुमत (करीब 96 प्रतिशत) सिंध प्रांत के ग्रामीण इलाकों में रहती है। पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन ने दावा किया है कि पिछले एक साल में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, जबरन धर्मांतरण और नाबालिग हिंदू-ईसाई लड़कियों की जबरन शादी के मामलों में खतरनाक बढ़ोतरी हुई है।

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