अयोध्या. भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में दीपोत्सव 2025 के तहत रविवार को रामायण काल की झांकियों का अद्भुत संगम देखने को मिला. जैसे ही पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने ढोल नगाड़े बजाकर साकेत महाविद्यालय परिसर से झांकियों को जय श्री राम का ध्वज लहराकर रवाना किया, पूरा वातावरण जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा. इन झांकियों के रामपथ पर पहुंचते ही लगा मानो त्रेता युग का वैभव और मर्यादा वर्तमान में लौट आई हो.
अयोध्या सांस्कृतिक शोभायात्रा के दौरान पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 2017 से लगातार भगवान राम की पावन धरती पर दीपोत्सव का कार्यक्रम दिव्यता, भव्यता, अलौकिकता के साथ मनाया जा रहा है. पर्यटन मंत्री ने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में हर बार हम अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. इस बार तीन नए कीर्तिमान बनेंगे. दीए की संख्या का रिकॉर्ड बनेगा तो 1100 ड्रोन एक साथ करतब दिखाएंगे. 2100 से ज्यादा विद्वान एक साथ सरयू जी की आरती करेंगे.

पर्यटन मंत्री ने कहा कि हमारा देश राम राज्य की संकल्पना को साकार कर विश्व की अगुवाई करेगा और विकसित देश बनेगा. उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की धरती पर आज उत्तर प्रदेश सरकार दीपोत्सव के नवें संस्करण का आयोजन दिव्यता, भव्यता के साथ कर रही है. झांकियों की भी अलौकिकता और दिव्यता यहां दिखाई देगी. पर्यटन मंत्री ने प्रदेश सरकार की ओर से सभी देशवासियों और पूरे विश्व में सनातन को मानने वाले लोगों को इस दीपोत्सव के पवित्र अवसर पर बधाई दी.
रामकथा पार्क के लिए रवाना हुईं भव्य झांकियां
सूचना विभाग, अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी और पर्यटन-संस्कृति विभाग की कुल मिलाकर 22 झांकियां जैसे ही रामपथ से गुजरीं, श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. सजीव पात्रों और आधुनिक तकनीक से सजी इन झांकियों ने श्रीराम के जीवन और रामायण के सातों कांडों बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तरकांड को साकार कर दिया. हर झांकी अपनी कथा कहती नजर आई, कहीं राम जन्म का उल्लास था, तो कहीं लंका विजय का पराक्रम. कलाकारों ने संगीत, नृत्य और अभिनय के माध्यम से त्रेता युग की मर्यादा, भक्ति और आदर्शों को जीवंत कर दिया.

विकसित उत्तर प्रदेश और सांस्कृतिक विरासत की झलक
सूचना विभाग की झांकियों में योगी सरकार की उपलब्धियों का चित्रण किया गया. प्रयागराज महाकुंभ, काशी कॉरिडोर, डिफेंस कॉरिडोर, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, स्वच्छ और हरित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर नारी, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, आयुष्मान कैशलेस जैसी योजनाओं की झलक देखने को मिली. इन झांकियों ने विकास और संस्कृति के अनोखे संगम को प्रदर्शित किया. जहां आधुनिक उत्तर प्रदेश, राम राज्य की भावना के अनुरूप आगे बढ़ता दिखाई दिया.

रामपथ पर पुष्पवर्षा, आरती और लोकनृत्यों का अद्भुत संगम
जैसे-जैसे झांकियां रामपथ से गुजरीं, श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्पवर्षा की, दीप जलाए और आरती उतारी. कलाकारों के समूह रास्ते भर ढोल-नगाड़ों और लोकनृत्यों के माध्यम से माहौल को भक्तिमय बनाते रहे. हरियाणा का फाग, केरल का कथककली, राजस्थान का झूमर, पंजाब का भांगड़ा, ओडिशा का संबलपुरी, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की लोक कलाओं ने आयोजन को राष्ट्रीय स्वरूप दे दिया. पूरा मार्ग भक्ति, संगीत और उल्लास से थिरक उठा.
भक्ति, विकास और संस्कृति का संगम बनी रामनगरी
दीपोत्सव 2025 के इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि अयोध्या केवल तीर्थ नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना का हृदय है. लाखों दीपों की रोशनी और झांकियों की भव्यता ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जब आस्था और विकास साथ चलते हैं, तो परिणाम राम राज्य की झलक जैसा होता है.
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