Rajasthan News: रोशनी का महापर्व दीपावली आज राजस्थान में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से शुभकामनाएं दीं, जिनमें ‘राम’, ‘स्वदेशी’ और ‘समरसता’ जैसे शब्दों ने खास ध्यान खींचा। नेताओं के संदेशों में सुख-समृद्धि की पारंपरिक कामनाओं के साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘सनातन संस्कृति’ पर विशेष जोर देखा गया।

मुख्यमंत्री का संदेश: श्रीराम और सकारात्मक ऊर्जा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दीपावली को ‘अधर्म पर धर्म की विजय’ का प्रतीक बताते हुए प्रभु श्रीराम और माता जानकी का उल्लेख किया। उन्होंने कामना की कि उनकी कृपा से सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आए। उन्होंने यह भी कहा कि यह दीपोत्सव प्रदेश में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करे।

‘स्वदेशी’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का आह्वान

सत्ता पक्ष के नेताओं ने इस बार ‘स्वदेशी’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा ने संस्कृत श्लोक के साथ शुभकामनाएं देते हुए लोगों से ‘स्वदेशी अपनाने और आत्मनिर्भर भारत का दीप जलाने’ की अपील की। पंचायती राज और स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ‘एक दिया स्वदेशी के नाम’ जलाने और स्थानीय उत्पादों को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करने का आग्रह किया। उन्होंने स्वच्छता, सद्भाव और सेवा को दीपावली के मूल्यों से जोड़ा।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दीपावली को ‘संस्कृति, स्वदेशी और सनातन सद्भाव’ का पर्व बताते हुए स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग और ‘विकसित भारत’ के लिए जनआंदोलन में भागीदारी की अपील की।

मां लक्ष्मी और पारंपरिक संदेश

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने अपने संदेश में मां लक्ष्मी का आह्वान करते हुए सौभाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता अशोक गहलोत ने पारंपरिक और सर्वसमावेशी संदेश देते हुए कहा कि यह दीपोत्सव सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाए।

राजनीतिक संदेशों में राष्ट्रीय भावना

नेताओं के संदेशों में राष्ट्रीय भावना और सनातन संस्कृति का पुट साफ दिखाई दिया। जहां सत्तापक्ष ने ‘स्वदेशी’ और ‘आत्मनिर्भरता’ को जोड़ा, वहीं विपक्ष ने सभी वर्गों को जोड़ने वाला संदेश दिया। इन शुभकामनाओं ने न केवल त्योहार की रौनक बढ़ाई, बल्कि राजस्थान की राजनीति में भी गहरे संकेत छोड़े।

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