Bihar Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य में दो चरणों में मतदान होने जा रहा है। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर 2025 (गुरुवार) को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर (मंगलवार) को होगी। इसके बाद 14 नवंबर 2025 को मतगणना की जाएगी। इस बीच भारत निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मीडिया संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे इन नियमों का सख्ती से पालन करें।

निर्वाचन आयोग ने कहा है कि मतदान के दिन और मतदान से एक दिन पहले किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति को प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित करने की अनुमति नहीं होगी, जब तक कि उस विज्ञापन की सामग्री को मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (MCMC) द्वारा पूर्व-प्रमाणित न कर दिया गया हो। यह कदम चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और मतदाताओं को भ्रामक या पक्षपाती सूचनाओं से बचाने के लिए उठाया गया है।

आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों के लिए मतदान तिथियां 6 नवंबर और 11 नवंबर तय की गई हैं। इसके साथ ही देश की आठ अन्य विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी इसी कार्यक्रम के तहत कराए जाएंगे। आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि मतदान से एक दिन पहले और मतदान के दिन बिना पूर्व अनुमति किसी भी प्रकार का राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

बिहार के लिए आयोग ने पहले चरण में 5 और 6 नवंबर 2025 तथा दूसरे चरण में 10 और 11 नवंबर 2025 को प्रतिबंधित दिन घोषित किया है। इन तिथियों पर किसी भी प्रकार का राजनीतिक विज्ञापन प्रिंट मीडिया में प्रकाशित नहीं किया जा सकेगा, जब तक कि संबंधित विज्ञापन को एमसीएमसी से मंजूरी न मिल जाए।

निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया है कि जो भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल अपने विज्ञापन को प्रकाशित करवाना चाहते हैं, उन्हें विज्ञापन की प्रस्तावित प्रकाशन तिथि से कम से कम दो दिन पहले संबंधित राज्य या जिला स्तर की मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (MCMC) में आवेदन देना होगा। इन समितियों को सक्रिय कर दिया गया है ताकि समय पर जांच और अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी की जा सके। आयोग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे मामलों में निर्णय शीघ्रता से लें, ताकि किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े।

भारत निर्वाचन आयोग ने अपने बयान में कहा है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान निष्पक्ष माहौल बनाए रखना बेहद जरूरी है। पिछले कुछ वर्षों में मतदान से पहले झूठे या भ्रामक विज्ञापनों के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिशें देखी गई हैं। ऐसे में आयोग चाहता है कि इस बार किसी भी प्रकार का प्रचार नियंत्रित और पारदर्शी रूप से हो, ताकि चुनाव की विश्वसनीयता बनी रहे।

चुनाव आयोग ने यह भी दोहराया है कि प्रिंट मीडिया के अलावा डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है जो यह सुनिश्चित करेंगी कि कोई भी उम्मीदवार या दल आचार संहिता का उल्लंघन न करे।

इस तरह आयोग की सख्त गाइडलाइंस का मकसद साफ है, मतदान से पहले मतदाताओं को निष्पक्ष और बिना दबाव के निर्णय लेने का मौका देना।

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