पटना। बिहार की सियासत में इस वक्त राजद (RJD) की बागी नेता रितु जायसवाल के तेवर चर्चा में हैं। पार्टी की महिला प्रकोष्ठ की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने खुलकर पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी पद या टिकट के लिए नहीं बल्कि उस व्यवस्था के खिलाफ है जहां रात के अंधेरे में टिकट बांटे जाते हैं और मेहनती कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जाती है।
मेरी पहचान मेरे काम से बनी
रितु जायसवाल ने कहा कि 2020 में जब उन्हें परिहार से टिकट मिला था तब भी वे एक जानी-मानी समाजसेवी थीं। उन्होंने याद दिलाया कि राजद में आने से पहले उन्हें राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार (2019) और चैंपियंस ऑफ चेंज (2018) जैसे राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके थे। उन्होंने कहा यह कहना कि राजद ने मुझे पहचान दी गलत है। मेरी पहचान मेरे काम से बनी है किसी पार्टी से नहीं।
पार्टी में दलाल हावी, टिकट पैसे से मिलते हैं
रितु जायसवाल ने पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी और कथित भ्रष्टाचार पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि 2023 में उन्हें महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था और दो साल की मेहनत से बिहार में महिलाओं का मजबूत संगठन खड़ा किया। उन्होंने कहा 2024 के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव ने मुझे शिवहर से चुनाव लड़ने को कहा था। मैंने पूरी निष्ठा से प्रचार किया लेकिन कुछ दलाल पैसे लेकर टिकट बदलवाने में लगे थे।
ईमानदार विधायक का टिकट काटना अन्याय है
बागी नेता ने कहा कि अगर परिहार से किसी समर्पित कार्यकर्ता को टिकट दिया गया होता तो वह खुशी-खुशी पीछे हट जातीं। लेकिन टिकट ऐसे व्यक्ति को दे दिया गया जिसने 2020 में पार्टी के साथ गद्दारी की थी। उन्होंने साफ कहा मैं बेलसंड नहीं जा सकती थी जहां मेरे कारण किसी ईमानदार विधायक का टिकट काटा जाए।
यह लड़ाई परिहार के विकास और सच्चाई के लिए है
रितु जायसवाल ने कहा कि निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय उनके लिए कठिन जरूर था लेकिन जरूरी भी है। उन्होंने कहा मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति या पार्टी से नहीं बल्कि उस व्यवस्था से है जहां ईमानदारी की कोई जगह नहीं। यह लड़ाई परिहार के उन लोगों के लिए है जो 25 साल से विकास की राह देख रहे हैं।बिहार की सियासत में इस वक्त राजद (RJD) की बागी नेता रितु जायसवाल के तेवर चर्चा में हैं। पार्टी की महिला प्रकोष्ठ की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने खुलकर पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी पद या टिकट के लिए नहीं बल्कि उस व्यवस्था के खिलाफ है जहां रात के अंधेरे में टिकट बांटे जाते हैं और मेहनती कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जाती है।
मेरी पहचान मेरे काम से बनी
रितु जायसवाल ने कहा कि 2020 में जब उन्हें परिहार से टिकट मिला था तब भी वे एक जानी-मानी समाजसेवी थीं। उन्होंने याद दिलाया कि राजद में आने से पहले उन्हें राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार (2019) और चैंपियंस ऑफ चेंज (2018) जैसे राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके थे। उन्होंने कहा यह कहना कि राजद ने मुझे पहचान दी गलत है। मेरी पहचान मेरे काम से बनी है किसी पार्टी से नहीं।
पार्टी में दलाल हावी, टिकट पैसे से मिलते हैं
रितु जायसवाल ने पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी और कथित भ्रष्टाचार पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि 2023 में उन्हें महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था और दो साल की मेहनत से बिहार में महिलाओं का मजबूत संगठन खड़ा किया। उन्होंने कहा 2024 के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव ने मुझे शिवहर से चुनाव लड़ने को कहा था। मैंने पूरी निष्ठा से प्रचार किया लेकिन कुछ दलाल पैसे लेकर टिकट बदलवाने में लगे थे।
ईमानदार विधायक का टिकट काटना अन्याय है
बागी नेता ने कहा कि अगर परिहार से किसी समर्पित कार्यकर्ता को टिकट दिया गया होता तो वह खुशी-खुशी पीछे हट जातीं। लेकिन टिकट ऐसे व्यक्ति को दे दिया गया जिसने 2020 में पार्टी के साथ गद्दारी की थी। उन्होंने साफ कहा मैं बेलसंड नहीं जा सकती थी जहां मेरे कारण किसी ईमानदार विधायक का टिकट काटा जाए।
यह लड़ाई परिहार के विकास और सच्चाई के लिए है
रितु जायसवाल ने कहा कि निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय उनके लिए कठिन जरूर था लेकिन जरूरी भी है। उन्होंने कहा मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति या पार्टी से नहीं बल्कि उस व्यवस्था से है जहां ईमानदारी की कोई जगह नहीं। यह लड़ाई परिहार के उन लोगों के लिए है जो 25 साल से विकास की राह देख रहे हैं।
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