अविनाश श्रीवास्तव/ रोहतास। बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच सासाराम सीट से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) के प्रत्याशी और पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि उन्हें नामांकन वापस लेने के एवज में 2 करोड़ रुपये और एक विधान परिषद (MLC) सीट का लालच दिया गया।
अशोक सिंह के अनुसार, मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे वे अपने होटल में बैठे थे तभी राजेश कुमार नाम का एक व्यक्ति उनसे मिलने पहुंचा। उस व्यक्ति ने कहा कि वह उपेंद्र कुशवाहा की ओर से आया है और उसने प्रस्ताव दिया कि यदि अशोक सिंह सासाराम सीट से नामांकन वापस ले लेते हैं तो उन्हें दो करोड़ रुपये और एमएलसी सीट दी जाएगी।

मैं डरने वाला नहीं हूं

इस प्रस्ताव से नाराज अशोक सिंह ने उक्त व्यक्ति को तुरंत होटल से बाहर निकाल दिया और पूरे घटनाक्रम की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने प्रेस से बात करते हुए कहा उपेंद्र कुशवाहा को डर है कि उनकी पत्नी स्नेह लता चुनाव हार जाएंगी। इसलिए अब वे पैसे और पद का लालच देकर लोकतंत्र को खरीदना चाहते हैं। लेकिन मैं किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटूंगा। अशोक सिंह ने यह भी दावा किया कि सासाराम की जनता इस साजिश को समझ चुकी है और इस बार ईमानदारी की जीत होगी। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी के लिए कहा स्नेह लता कुशवाहा इस बार चुनाव में चौथे नंबर पर रहेंगी।

समीकरण बना ‘ट्रिगर पॉइंट’

सासाराम विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला बेहद रोचक हो गया है। मैदान में तीन प्रमुख उम्मीदवार हैं BSP से अशोक सिंह, RLM (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) से स्नेह लता कुशवाहा और RJD से सत्येंद्र शाह। दिलचस्प बात यह है कि अशोक सिंह और स्नेह लता दोनों कुशवाहा समाज से आते हैं। ऐसे में कुशवाहा वोटों के बंटवारे की पूरी संभावना है, जो चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है।

ऑफर देने की कोशिश की होगी

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यही डर उपेंद्र कुशवाहा को परेशान कर रहा है, और इसी कारण उन्होंने इस तरह का कथित ऑफर देने की कोशिश की होगी, ताकि मुकाबले से एक मजबूत प्रतिद्वंदी को हटाया जा सके।

वायरल वीडियो ने बढ़ाया मामला

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक कथित सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है, जिसमें राजेश कुमार होटल में दाखिल होता नजर आ रहा है। हालांकि इस वीडियो की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। न तो प्रशासन और न ही पुलिस ने इस वीडियो की सत्यता पर कोई बयान दिया है।

कुशवाहा की प्रतिक्रिया और जांच पर नजर

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि उपेंद्र कुशवाहा इस आरोप पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और प्रशासन इस मामले की जांच कितनी गंभीरता से करता है। चुनाव आयोग और जिला प्रशासन पर भी इस मामले में निष्पक्षता बनाए रखने का दबाव बढ़ गया है।

इमानदारी बनाम खरीद-फरोख्त की लड़ाई

अशोक सिंह ने इस पूरे घटनाक्रम को लोकतंत्र की असल परीक्षा बताया है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव अब सिर्फ सत्ता की होड़ नहीं, बल्कि इमानदारी बनाम खरीद-फरोख्त की लड़ाई बन चुका है। उन्होंने साफ किया कि वे किसी भी दबाव में नहीं झुकेंगे और जनता के बीच जाकर अपनी बात रखेंगे।