पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही महागठबंधन के भीतर मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। अब यह टकराव मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर तेज हो गया है। एक ओर जहां RJD और कांग्रेस के नेताओं के बीच तेजस्वी यादव को लेकर समर्थन और असहमति दिखाई दे रही है वहीं दूसरी ओर पप्पू यादव ने भी गठबंधन के नेतृत्व को लेकर बड़ा बयान दिया है।
CM का फैसला चुनाव के बाद हो
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री तय करना बेकार है। उन्होंने कहा चुनाव के बाद जिसे मुख्यमंत्री बनाना है, उसे बना लें। कांग्रेस से तो मुख्यमंत्री बनने वाला नहीं है। अगर कोई बनेगा, तो वह RJD से होगा या किसी और से। यह फैसला चुनाव के बाद नेता लोग आपस में बैठकर कर लेंगे। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि बिहार की जनता राहुल गांधी के नेतृत्व और चेहरे पर भरोसा करती है इसलिए अगर राहुल गांधी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाए तो INDIA गठबंधन की सरकार बन सकती है।उनका इशारा इस ओर था कि गठबंधन को साझा चेहरे से ज्यादा साझा एजेंडे और एकजुटता पर ध्यान देना चाहिए।
तेजस्वी यादव को बताया एकमात्र विकल्प
वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने एक तरह से तेजस्वी यादव के नाम पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा सच तो यह है कि लोकतंत्र में मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री संख्या बल के आधार पर तय होते हैं। RJD के पास वह संख्या बल है। हम इस सच्चाई से कितने दिन तक मुंह मोड़ सकते हैं? कहना ही पड़ेगा कि तेजस्वी यादव के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यह बयान महागठबंधन के भीतर कांग्रेस और RJD के बीच बढ़ते आपसी तालमेल का संकेत देता है, लेकिन साथ ही इस बात को भी उजागर करता है कि सभी दल अब भी नेतृत्व को लेकर एकमत नहीं हैं।
सम्राट चौधरी पर पप्पू का हमला
राज्य के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को लेकर पप्पू यादव ने बेहद तीखी टिप्पणी की। उन्होंने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सम्राट चौधरी अज्ञानी और नासमझ हैं। वे राहुल गांधी के सामने धूल के बराबर भी नहीं हैं।उन्होंने यह भी कहा कि सम्राट चौधरी को राज्य के वास्तविक मुद्दों पर बात करनी चाहिए जैसे पलायन, निवेश और GST। पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि वे तो केवल अपराधियों को टिकट देने में लगे रहते हैं। राहुल गांधी का आम जनता से सीधा जुड़ाव है। वे उनके नजरिए से जीने की कोशिश करते हैं। सम्राट चौधरी को यह सब समझ में नहीं आएगा।
आरोप-प्रत्यारोप तेज होंगे
पप्पू यादव के इस बयान से यह साफ हो गया है कि आगामी चुनाव में केवल गठबंधन के भीतर ही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच भी व्यक्तिगत स्तर पर आरोप-प्रत्यारोप तेज होंगे।
VIP और RJD में टकराव
महागठबंधन के भीतर सीटों को लेकर भी असमंजस दिखाई दे रहा है। VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने मंगलवार को कहा कि गौराबोराम सीट से हमारे उम्मीदवार संतोष सहनी ही चुनाव लड़ेंगे। महागठबंधन में थोड़ी गलतफहमी थी, जिसे अब सुलझा लिया गया है। गठबंधन का एकमात्र उम्मीदवार संतोष सहनी हैं, लेकिन इसी सीट को लेकर RJD ने अफजल अली को प्रत्याशी घोषित किया था। हालांकि पहले यह खबर सामने आई थी कि लालू यादव ने अफजल अली का नाम वापस ले लिया है, लेकिन अफजल अली ने खुद दावा किया कि वे अभी भी RJD के उम्मीदवार हैं और गौराबोराम से चुनाव लड़ेंगे। इससे गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति और बढ़ गई है।
कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन वापस लिया
इसी बीच महागठबंधन को लेकर एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। लालगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार आदित्य कुमार राजा ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसे गठबंधन के भीतर जारी मतभेदों को सुलझाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इस सीट से RJD ने बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को टिकट दिया है। माना जा रहा है कि आदित्य कुमार राजा का नामांकन वापसी शिवानी शुक्ला के समर्थन में हुई है, जिससे गठबंधन के भीतर आपसी तालमेल को मजबूती मिल सकती है।
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