कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में हाल ही में कफ सीरप से हुई बच्चों की मौत के बाद सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर गंभीरता दिखाई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश अब राज्य के 24 जिलों में जिला गुणवत्ता सलाहकार नियुक्त करने जा रहा है।

सरकारी अस्पताल की सेवाओं, दवाओं और उपकरणों के गुणवत्ता की करेंगे निगरानी

इन पदों पर ऐसे विशेषज्ञ रखे जाएंगे जो सरकारी अस्पतालों की सेवाओं, दवाओं और उपकरणों के गुणवत्ता की निगरानी करेंगे। इस पायलट प्रोजेक्ट में ग्वालियर को भी शामिल किया गया है।ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया है कि इसके जरिये स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा सकेगा।

दवाओं को लेकर सरकार ने उठाया बड़ा कदम

दरअसल छिंदवाड़ा सिरप कांड और उसके कारण हुई मासूम बच्चों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार दवाओं को लेकर अलर्ट मोड पर है। ऐसे में प्रदेश के जिस भी जिले में दवाओं से जुड़ी शिकायत मिल रही है। सरकार के निर्देश पर तत्काल दवाओं की सप्लाई रोकने के साथ सेंपलिंग कराई जा रही है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य सेवाओं, खासकर दवाओं को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के 24 जिलों में जिला गुणवत्ता सलाहकार नियुक्त किये जा रहे हैं। 

पायलट प्रोजेक्ट में ग्वालियर भी शामिल

इस पायलट प्रोजेक्ट मे ग्वालियर जिले को भी शामिल किया है। कलेक्टर रुचिका चौहान का कहना है कि गवर्नमेंट सिस्टम में जो दवाओं की सप्लाई का सिस्टम होता है उसके स्टोरेज और SOP के पालन के लिए एनएचएम के माध्यम से एक टीम गठित की गई है। इस पायलट प्रोजेक्ट में ग्वालियर भी शामिल है। गठित की गई टीम ग्वालियर आकर सभी व्यवस्था देखेगी। क्योंकि यह टेक्निकल काम होता है। दवाओं को लेकर तय SOP का पालन हो रहा है या नहीं हो रहा है इसको लेकर जानकारी लेगी। इसमें स्थानीय ड्रग इंस्पेक्टर भी शामिल रहेंगी।

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