हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास (अगहन महीना) इस वर्ष 6 नवंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर 2025 तक रहेगा. यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय माना गया है. शास्त्रों में वर्णित है कि इस मास के गुरुवारों को व्रत करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को स्थायी धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है.  

व्रत का महत्व:

मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत को विशेष रूप से महिलाओं के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है. इस व्रत को करने से पति की दीर्घायु, वैवाहिक सुख, और परिवार में समृद्धि का वास होता है. यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की संयुक्त आराधना के रूप में मनाया जाता है, इसलिए इसे “धन और धर्म का संगम” भी कहा जाता है.  

पूजन विधि:

सुबह स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल पर भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. पूजा में पीले फूल, हल्दी, चावल, केले, गुड़ और घी का दीपक अर्पित करें. दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को व्रत कथा सुनें और परिवार सहित आरती करें.  

शुभ दान:  

इस दिन पीले वस्त्र, हल्दी, चना, गुड़ और सोना दान करना अत्यंत शुभ माना गया है. मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से दान करता है, उसके घर से दरिद्रता सदा के लिए समाप्त हो जाती है और देवी लक्ष्मी का स्थायी वास होता है.