दिलीप साहू,बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में दिवाली इस बार ठेठ छत्तीसगढ़िया अंदाज में मनाया जाएगा. प्रदेश के लोगों के घर चीन से बने दियों से नहीं बल्कि गोबर और मिट्टी से बने दीयों से रौशन होंगे. इसे लेकर मुख्यमंत्री से लेकर शासन- प्रशासन तक प्रचार-प्रसार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. वो चाहे मुख्यमंत्री निवास हो, कलेक्ट्रेट हो या फिर कोई अन्य सरकारी दफ्तर. सभी जगह गोबर से बने दीयों को खरीदने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी क्रम में मंगलवार को बेमेतरा कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने जनपद चौपाल में समस्याओं को लेकर पहुंचे लोगों को मिट्टी से बने दीये और पौधे भेंट किया और इको फ्रेंडली दिवाली मनाने की बात कही.

दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गौठाने और सभाओं में जाकर लोगों से आग्रह करते हैं कि कुम्हारों की अच्छी दिवाली मनाने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए गोबर-मिट्टी से बने दीयों को प्रयोग करें. ज्यादा से ज्यादा दीयों को खरीदकर उनकी दिवाली खुशहाल मनाएं. गोठानों में अनेक स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गोबर से दीयें को बनाया है. इन दीयों को बेचने के लिए विभिन्न स्थानों पर बेचने की व्यवस्था की गई है.

यही वजह है कि शासन स्तर के अधिकारी कर्मचारी गोबर और मिट्टी से बने दीयों के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैं. इसे लेकर आम लोगों में खासा उत्साह भी देखने को मिल रहा है. प्रदेश सरकार की पहल को जन-जन तक पहुंचाने तरह-तरह से प्रयास कर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. बेमेतरा जनपद चौपाल में कोने-कोने से अपनी शिकायतों और समस्याओं को लेकर पहुंचे लोगों को कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने उपहार के तौर पर मिट्टी से बने दीयों को कागज से बने कैरी बैग में पैककर भेंट किया. इसके साथ ही अन्य लोगों को भी जागरुक करने की बात कही.

कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश चाहते है कुम्हारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और मिट्टी से बने दीयों को अधिकारी देकर खरीदा जाए. इसी लिए आज जन चौपाल में मुख्यमंत्री के संदेशों को पहुंचाने की कोशिश की गई है. मिट्टी के दीयों से इस बार अच्छी दिवाली मनाई जा सके. इको फ्रेंडली दिवाली की परिसंकल्पना साकार हो सकेगी. आज के दौर में प्राकृतिक चीजों से दूर होते जा रहे हैं, तो प्राकृतिक दीयों का इस्तेमाल करने से पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा. इस दीवाली कुम्हार के बनाए मिट्टी के दीयों के उपयोग करने अपील की है.