अजय नीमा, उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार, गर्भगृह में दर्शन के दौरान संत के पहनावे और पगड़ी को लेकर महंत महावीर नाथ और पुजारी महेश शर्मा के बीच शुरू हुआ विवाद थमने के बजाय अब ‘महा-विवाद’ का रूप ले चुका है। यह पहला मौका है जब मंदिर में किसी विवाद की जांच के आदेश दिए जाने के बाद भी मामला शांत होने के बजाय और अधिक गरमा गया है।

यूपी के सीएम योगी ने घटना का लिया संज्ञान 

इस विवाद ने अब स्थानीय दायरे से बाहर राष्ट्रीय स्तर पर संत समाज का ध्यान खींचा है। नाथ संप्रदाय के दो बड़े संत और राजनेता, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान के तिजारा से विधायक संत बालक नाथ ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है। चूंकि महंत महावीर नाथ भी नाथ संप्रदाय से हैं, इसलिए संप्रदाय के शीर्ष संतों का इस मामले में हस्तक्षेप पुजारी महेश शर्मा के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। दोनों ही संतों ने मंदिर के पुजारी के व्यवहार की निंदा करते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात की है, जिससे संत समाज का पक्ष और मजबूत हो गया है।

कार्रवाई नहीं होने पर धरना की चेतावनी 

आम तौर पर महाकालेश्वर मंदिर में जांच के आदेश के बाद मामले शांत हो जाते थे, लेकिन इस बार संत समाज का आक्रोश गहरा है। पुजारी महेश शर्मा और महंत महावीर नाथ दोनों ही मुख्यमंत्री कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुजारी महेश शर्मा ने महावीर नाथ पर ‘मंदिर की छवि खराब करने’ और ‘धक्का देने’ का आरोप लगाते हुए एफआईआर और पूर्ण प्रतिबंध की मांग की है। वहीं, महंत महावीर नाथ ने पुजारी महेश शर्मा को पद से हटाने की मांग की है। समस्त देशभर के संत समाज और उज्जैन के मठाधीशों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 24 घंटे के भीतर दोषी पुजारियों पर उचित कार्यवाही कर उन्हें निलंबित नहीं किया गया, तो शुक्रवार को समस्त संत, महात्मा, पुजारीगण एवं भक्तगण महाकाल मंदिर परिसर में “धूना लगाकर शांतिपूर्ण धरना” देंगे।

जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित 

मंदिर प्रशासन ने इस गंभीर घटना को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की है। मंदिर समिति ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए तीन सदस्यों की जांच टीम बनाई है। यह जांच टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट मंदिर समिति को पेश करेगी, जिसके बाद समिति सीसीटीवी फुटेज और दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर कार्रवाई को लेकर अंतिम निर्णय लेगी। संत समाज का कहना है कि पुजारी महेश शर्मा का व्यवहार संतों की परंपरा का अपमान है, क्योंकि साधु अपनी जटाओं को बांधने के लिए सिर पर फेटा बांधते हैं, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। इस विवाद ने महाकाल मंदिर के धार्मिक वातावरण में तनाव पैदा कर दिया है और अब सबकी निगाहें मंदिर समिति की जांच रिपोर्ट और संत समाज के अगले कदम पर टिकी हैं।

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