राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच सरकार ने गुरुवार को क्लाउड सीडिंग (cloud seeding) का पहला सफल ट्रायल पूरा कर लिया। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा(Mangindar Singh Sirsa) ने इसे “दिल्ली के लिए ऐतिहासिक कदम” बताया और कहा कि यह पहल राजधानी की जहरीली हवा को शुद्ध करने की दिशा में बड़ा प्रयास है। सिरसा ने बताया कि दिल्ली सरकार 29 अक्टूबर को कृत्रिम बारिश कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, “हमने पहला ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। अब 29 अक्टूबर को मौसम की स्थिति अनुकूल रही तो दिल्ली में कृत्रिम वर्षा की जाएगी, जिससे प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय गिरावट की उम्मीद है।”
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भी 28, 29 और 30 अक्टूबर को दिल्ली और आसपास के इलाकों में बादलों की पर्याप्त मौजूदगी की संभावना जताई है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, इन्हीं तारीखों में क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया के लिए परिस्थितियाँ सबसे अनुकूल मानी जा रही हैं।
सीएम बोलीं- सफल रहा ट्रायल
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक है, बल्कि यह दिल्ली में प्रदूषण से निपटने का एक वैज्ञानिक तरीका भी स्थापित करने जा रही है। हमारा उद्देश्य इस नवाचार के माध्यम से राजधानी की हवा को स्वच्छ और वातावरण को संतुलित बनाना है।” सीएम ने इस परियोजना को सफल बनाने में जुटे पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और संबंधित अधिकारियों को शुभकामनाएँ दीं।
29 को कृत्रिम बारिश का अनुभव करेगी दिल्ली
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर एक संदेश साझा करते हुए लिखा “दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग के माध्यम से कृत्रिम बारिश कराने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अगर मौसम की परिस्थितियां अनुकूल रहीं, तो 29 अक्तूबर को दिल्ली अपनी पहली कृत्रिम बारिश का अनुभव करेगी।” सीएम रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक है, बल्कि यह प्रदूषण से निपटने का एक वैज्ञानिक तरीका भी स्थापित करने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य इस नवाचार के माध्यम से राजधानी की हवा को स्वच्छ और वातावरण को संतुलित बनाना है।
इन इलाकों में हुई उड़ान
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के कार्यालय की ओर से साझा जानकारी के अनुसार, यह ट्रायल आईआईटी कानपुर की तकनीकी टीम की देखरेख में किया गया। जानकारी के मुताबिक, क्लाउड सीडिंग के तहत एक विशेष विमान ने आईआईटी कानपुर से उड़ान भरकर मेरठ, खेकड़ा, बुराड़ी, सादकपुर, भोजपुर और अलीगढ़ होते हुए दिल्ली पहुंचा, और फिर वापस आईआईटी कानपुर लौटा। इस ट्रायल उड़ान को सफल बताया गया है।
इन इलाकों के ऊपर दागे गए फ्लेयर्स
सूत्रों के मुताबिक, ट्रायल के दौरान विमान ने खेकड़ा और बुराड़ी के बीच तथा बादली क्षेत्र के ऊपर पायरो तकनीक के जरिए क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स दागे। यह तकनीक बादलों में सक्रिय तत्व छोड़ने का काम करती है, जिससे वर्षा को प्रोत्साहित किया जा सके।
दिल्ली के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। सिरसा के अनुसार, काफी समय से चर्चा में रही क्लाउड सीडिंग का पहला सफल ट्रायल आज आईआईटी कानपुर की तकनीकी देखरेख में किया गया। इस ट्रायल में सेसेना विमान का इस्तेमाल किया गया, जिसने विशेष तकनीक के जरिए बादलों में सक्रिय तत्व छोड़े। मंत्री सिरसा ने इसे दिल्ली के लिए ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि यह पहल राजधानी की हवा को स्वच्छ बनाने और प्रदूषण स्तर कम करने की दिशा में एक वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम है।
पैरो टैक्नीक के जरिए कराए ब्लास्ट
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि ट्रायल के दौरान विमान ने तीन-साढ़े तीन बजे के आसपास बुराड़ी का रुख किया। सिरसा के अनुसार, बुराड़ी में विमान ने एक छोटे बादल पर पायरो तकनीक (Pyro Technique) के जरिए फ्लेयर्स को ब्लास्ट कराया। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि विमान की स्ट्रेंथ और फ्लेयर्स का प्रभाव ठीक से काम कर रहा है। इस तकनीक में फ्लेयर्स से निकलने वाला सक्रिय मटेरियल ऊपर की ओर उड़ता है और बादलों से टकराता है, जिससे बरसात उत्पन्न होती है। मंत्री ने बताया कि ट्रायल सफल रहा और इससे यह पुष्टि हो गई कि तकनीक व विमान दोनों राजधानी में कृत्रिम वर्षा के लिए तैयार हैं।
28, 29 और 30 अक्तूबर को बादलों का डेरा
विशेषज्ञों के अनुसार, क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) के लिए केवल तकनीक और फ्लेयर्स का होना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक बादलों की मौजूदगी भी जरूरी होती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 28, 29 और 30 अक्टूबर के लिए दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के आसमान में पर्याप्त बादलों की संभावना जताई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इन दिनों बादलों की मात्रा पर्याप्त रही, तो राजधानी दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है।
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