MDS World Awareness Day: नई दिल्ली। दुनिया भर में आज 25 अक्टूबर को मायेलोडिसप्लास्टिक सिंड्रोम (Myelodysplastic Syndromes – MDS) विश्व जागरूकता दिवस मनाया जाता है. यह दिन इस दुर्लभ रक्त कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, रोगियों और उनके परिवारों का समर्थन करने और शोध को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है. MDS, एक ऐसा रोग है जिसके बारे में ज़्यादातर लोग तब तक नहीं जानते जब तक कि वे खुद या उनका कोई प्रियजन इससे प्रभावित न हो जाए.

क्या है मायेलोडिसप्लास्टिक सिंड्रोम (MDS)?
MDS एक दुर्लभ प्रकार का रक्त कैंसर है जो तब होता है जब अस्थि मज्जा (Bone Marrow)—जो शरीर का वह हिस्सा है जहाँ रक्त कोशिकाएँ बनती हैं—पर्याप्त मात्रा में स्वस्थ रक्त कोशिकाएँ (लाल रक्त कोशिकाएँ, सफेद रक्त कोशिकाएँ और प्लेटलेट्स) बनाना बंद कर देता है.
- लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से एनीमिया होता है.
- सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी से संक्रमण का खतरा बढ़ता है.
- प्लेटलेट्स की कमी से रक्तस्राव (Bleeding) और चोट (Bruising) लगने की संभावना बढ़ जाती है.

MDS की गंभीरता अलग-अलग हो सकती है. कुछ मामलों में यह कई वर्षों तक हल्का रह सकता है, जबकि कुछ अन्य प्रकार अधिक आक्रामक होते हैं और तीव्र मायलॉइड ल्यूकेमिया (Acute Myeloid Leukemia – AML) नामक एक गंभीर कैंसर में बदल सकते हैं.
MDS के प्रमुख लक्षण: इन्हें पहचानना है महत्वपूर्ण
चूंकि MDS के लक्षण अक्सर सामान्य समस्याओं जैसे थकान से मिलते-जुलते हैं, इसलिए इसकी पहचान मुश्किल हो सकती है. शुरुआती पहचान के लिए इन लक्षणों को जानना ज़रूरी है:
- अत्यधिक थकान (Fatigue): आराम करने के बाद भी लगातार कमजोरी महसूस होना.
- साँस लेने में कठिनाई (Shortness of Breath): एनीमिया के कारण ऑक्सीजन की कमी से साँस फूलना.
- असामान्य पीलापन (Paleness): त्वचा का असामान्य रूप से पीला पड़ जाना.
- बार-बार संक्रमण (Frequent Infections): बार-बार बीमार पड़ना या संक्रमण का जल्दी ठीक न होना.
- आसानी से चोट लगना या खून बहना (Easy Bruising or Bleeding): छोटी सी चोट पर भी अधिक खून बहना या शरीर पर लाल धब्बे (Petechiae) पड़ जाना.
जागरूकता दिवस का महत्व
इस विश्व जागरूकता दिवस पर, MDS एलायंस और दुनिया भर के रोगी संगठन लोगों को इन लक्षणों पर ध्यान देने और सीबीसी (Complete Blood Count) जैसे साधारण रक्त परीक्षण कराने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. MDS के बारे में जागरूकता बढ़ने से समय पर निदान और उचित उपचार शुरू करने में मदद मिलती है, जिससे मरीज़ों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार आ सकता है.
वरिष्ठ हेमेटोलॉजिस्टों के अनुसार, MDS के इलाज में रक्त आधान (Blood Transfusion), कीमोथेरेपी और कुछ मामलों में स्टेम सेल प्रत्यारोपण (Stem Cell Transplantation) ही एकमात्र संभावित उपचारात्मक विकल्प है.
आज इस दिवस पर आइए, हम सब मिलकर इस दुर्लभ बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाएं और MDS रोगियों को बेहतर जीवन देने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएं.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

