पटना। बिहार में चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत शनिवार को नहाय-खाय के साथ हो गई। पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बेगूसराय और राज्य के अन्य जिलों में नदियों के किनारे व्रती और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। पटना में छठ व्रती गंगा नदी में स्नान करेंगे और नए वस्त्र पहनकर भगवान सूर्यदेव से चार दिवसीय व्रत की सफलता की कामना करेंगे।पटना के प्रमुख घाटों जैसे दीघा घाट, NIT घाट और गाय घाट पर लाखों की संख्या में व्रती और श्रद्धालु जुटेंगे। इस अवसर पर कई व्रती अपने घरों में ही प्रसाद बनाकर भोजन करेंगे जबकि कुछ व्रती गंगाजल लेकर घर में प्रसाद बनाएंगे। प्रसाद के लिए विशेष रूप से गेहूं को गंगाजल में धोकर सुखाया जाता है। इसे कीड़े या पक्षियों से बचाने के लिए व्रती और उनके परिवार के सदस्य पारंपरिक लोकगीत गाते हुए इसकी रखवाली करते हैं। छठ महापर्व की शुरुआत के पहले दिन नहाय-खा का भोजन विशेष महत्व रखता है। पंडितों के अनुसार नहाय-खाय के दिन महिलाएं सुबह-सुबह गंगा स्नान करती हैं और नए वस्त्र पहनकर पूजा करती हैं। इसके बाद घर आकर कद्दू (लौकी) और भात का प्रसाद तैयार करती हैं। इस भोजन में लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं किया जाता। नहाय-खाय में बनने वाले व्यंजनों में लौकी की सब्जी, अरवा चावल, चना दाल, आंवला की चटनी और पापड़ शामिल होते हैं। इस दिन तैयार किया गया भोजन सबसे पहले उस महिला या पुरुष को परोसा जाता है जो व्रत रख रहा हो। उसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं। कद्दू-भात का सेवन केवल आहार के रूप में नहीं, बल्कि मन, वचन, पेट और आत्मा की शुद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस भोजन से व्रती को शरीर और मन की ताकत मिलती है, जिससे वे पूरे चार दिन व्रत सफलतापूर्वक निभा पाते हैं।
शुक्ल चतुर्थी के दिन नहाय-खाय से शुरू हुआ
छठ महापर्व कार्तिक शुक्ल चतुर्थी के दिन नहाय-खाय से शुरू हुआ। इस साल नहाय-खाय के दिन ज्येष्ठा नक्षत्र के साथ तीन शुभ योग –शोभन योग, रवियोग और सिद्ध योग – बन रहे हैं, जो व्रत की पुण्यता और सफलता को बढ़ाते हैं।
ट्रैफिक व्यवस्था में भी बदलाव किया गया
पटना शहर में छठ के मद्देनजर ट्रैफिक व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। राजधानी के प्रमुख घाटों पर व्रतियों और उनके परिवार वालों के लिए पार्किंग और ट्रैफिक रूट मैप तैयार किया गया है। विशेष तौर पर कंगन घाट पर नहाय-खाय के दिन गंगा नदी के किनारे व्रतियों की भारी भीड़ देखी गई।
सूर्यदेव की आराधना करेंगे
इस प्रकार बिहार में छठ महापर्व का शुभारंभ उत्साह और श्रद्धा के साथ हुआ। व्रती इस पवित्र पर्व को पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार मनाते हुए सूर्यदेव की आराधना करेंगे और चार दिवसीय व्रत के दौरान स्वास्थ्य और सुख-शांति की कामना करेंगे।
छठ महापर्व की दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से प्रदेश और देशवासियों को चार दिवसीय महापर्व छठ की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्व लोक आस्था और आत्मानुशासन का प्रतीक है। छठ पूजा में लोग शुद्ध अंतःकरण और निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान सूर्य भगवान को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
सीएम ने इस अवसर पर प्रार्थना की कि भगवान भास्कर राज्य में सुख, शांति, समृद्धि और विकास की प्राप्ति कराएं। उन्होंने जनता से अपील की कि पर्व को परंपरागत रीति-रिवाज और श्रद्धा के साथ मनाएं और स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। नीतीश कुमार ने कहा कि छठ महापर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी लोगों को जोड़ने का पर्व है। इस अवसर पर सभी व्रतियों और श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं।
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