हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर नगर निगम की बड़ी टैक्स मुहिम अब सियासी संग्राम में बदल गई है। कमिश्नर दिलीप कुमार यादव के निर्देशन में निगम ने शुक्रवार से ही टैक्स वसूली की सख्त कार्रवाई शुरू कर दी थी। वार्ड क्रमांक 74 में निगम की कई टीमें एक-एक घर, दुकान और भवन का मौका सर्वे करने पहुंचीं। इस बार निगम का रुख बेहद सख्त दिखा “जो बकाया देगा वही बचेगा”। कमिश्नर ने साफ निर्देश दिए कि इस अभियान के परिणामों पर ही सहायक राजस्व अधिकारियों की कुर्सी तय होगी। लेकिन अब टैक्स वसूली का मामला राजनीति तक पहुंच गया और पार्षद पति और नगर निगम अधिकारी पर एफआईआर तक दर्ज हो गई।

‘पीली गैंग’ के उतारते ही वार्ड 74 में मचा हड़कंप

वार्ड 74 की गलियों में ‘पीली गैंग’ के नाम से मशहूर टैक्स टीमें उतरते ही हड़कंप मच गया। निगम अधिकारियों ने पुराने टैक्स रिकॉर्ड खंगालकर घर-घर नपती शुरू कर दी। जिनके पास स्लिप नहीं मिली उन्हें मौके पर नोटिस थमा दिए गए। वहीं अवैध होस्टलों पर भी निगम की नजर टिकी रही। भवन अधिकारी और निरीक्षकों को मैदान में उतारा गया ताकि बिना अनुमति चल रहे होस्टलों पर तुरंत कार्रवाई हो सके। इस सख्त कार्रवाई से रहवासी और व्यापारी दोनों सकते में आ गए।

त्योहार के बाद जनता पर बोझ, नेताओं की बढ़ी नाराजगी

इस टैक्स ड्राइव की गूंज सीधे राजनीतिक गलियारों तक पहुंच गई। स्थानीय नेताओं ने निगम की कार्रवाई पर नाराजगी जताई और महापौर पुष्यमित्र भार्गव तक फोन पहुंचने लगे। कई पार्षदों का कहना था कि त्योहार के बाद जनता पहले ही आर्थिक दबाव में है, ऐसे में यह टैक्स वसूली अभियान सीधा जनता पर बोझ है। गौरतलब है कि कैलाश विजयवर्गीय के महापौर कार्यकाल में भी ऐसा ही ऑपरेशन चला था, लेकिन दो दिन में ही राजनीतिक दबाव में रोकना पड़ा था। अब एक बार फिर निगम उसी अंदाज में बकायादारों पर शिकंजा कसने की कोशिश में है, लेकिन इस बार मामला और ज्यादा गरम हो गया।

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टैक्स वसूली से भड़का सियासी टकराव, वार्ड 74 बना मैदान-ए-जंग

शनिवार सुबह टैक्स वसूली के दौरान माहौल अचानक बिगड़ गया। पार्षद पति ने अधिकारियों पर जबरन वसूली के आरोप लगाए। विवाद इतना बढ़ा कि पार्षद पति और निगम कर्मचारी में तीखी बहस हो गई और मामला एफआईआर तक पहुंच गया। पार्षद पति की शिकायत पर निगम कर्मचारी के खिलाफ केस दर्ज हुआ तो निगम अमले में बवाल मच गया। कर्मचारियों ने विरोध शुरू किया और शैलेंद्र सिंह (एआरओ) ने पलटवार करते हुए पार्षद पति और उनके बेटों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई।

थाने में भिड़े पार्षद और पुलिस, गूंजे ‘प्रशासन हाय-हाय’ के नारे

एमआईसी सदस्य बबलू शर्मा और कई भाजपा पार्षदों ने भवरकुआं थाने का घेराव कर दिया। टीआई के केबिन में घुसकर ‘प्रशासन हाय-हाय’ और ‘कमिश्नर दिलीप सिंह यादव हाय-हाय’ के नारे लगाए गए। थाने में भाजपा पार्षदों और पुलिस के बीच भारी गर्मागर्मी भी हुई। भाजपा पार्षदों को अपनी ही सरकार में अपने ही अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना पड़ा। यह दृश्य साफ दिखा गया कि निगम के अंदर अफसरशाही बनाम जनप्रतिनिधियों की जंग खुलेआम सड़कों पर उतर आई है।

निगम की वसूली या सत्ता का टकराव?

वार्ड 74 का टैक्स विवाद अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं रहा यह मामला सीधे राजनीतिक और सत्ताई खींचतान में बदल चुका है। कमिश्नर की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। पार्षदों में असंतोष है और कर्मचारी खुलकर विरोध पर उतर आए हैं।

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इंदौर नगर निगम में अब यह सवाल

क्या टैक्स वसूली की मुहिम वाकई सुधार है या सत्ता के भीतर चल रही अंदरूनी जंग का मैदान बन चुकी है ? जानकारी के मुताबिक महापौर और निगम आयुक्त के बीच टकराव की स्थिति लगातार बनी हुई है, जिसको लेकर माहौल साफ दिखाई दे रहा है।

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