रणधीर परमार, छतरपुर। बागेश्वर धाम में पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जन्मस्थली में श्री सत्यनारायण की कथा चल रही है। पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री श्री सत्यनारायण की कथा श्रवण करा रहे हैं। यह शायद देश का पहला अवसर होगा जहां संगीत के साथ तीन दिनों तक श्री सत्यनारायण की कथा की जा रही है।

सत्य की अवधारणा पर ही पृथ्वी टिकी

दूसरे दिन की कथा में महाराज ने कहा कि जीत भीड़ के साथ नहीं भगवान के साथ होती है। उन्होंने महाभारत युद्ध के प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि भीड़ कौरवों के साथ थी लेकिन भगवान पांडवों के साथ थे इसलिए पांडवों की विजय हुई।
मंगल आरती के साथ शुरू हुई दूसरे दिन महाराज श्री ने कथा क्रम में कहा कि सत्य ही ईश्वर है इसीलिए सत्यनारायण कहा जाता है। उन्होंने कथा का विस्तार करते हुए कहा कि सत्य की अवधारणा पर ही पृथ्वी टिकी है, सूर्य तप रहा है। जिसने सत्य को जान लिया उसने ईश्वर को जान लिया।

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भगवान का भजन ही सत्य है बाकी जगत मिथ्या

कहा- रामचरितमानस में भगवान शिव स्वयं माता पार्वती से कहते हैं कि भगवान का भजन ही सत्य है बाकी जगत मिथ्या है। स्वयं को सत्य पर उतरना होगा तभी जगत का सत्य दिखाई देगा। महाराज अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि उस समय बड़ा आनंद था, सुबह से उठकर धाम पहुंचना, हैंडपंप में स्नान करने के बाद खूब पूजा पाठ करना, भगवान भोलेनाथ के दर्शन करना, लेकिन अब समय बदल गया है। इतनी व्यस्तता हो गई की नियम करना कठिन हो गया है।

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