Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस दौड़ में 3 पूर्व मंत्रियों, 22 वर्तमान विधायकों और 24 पूर्व विधायकों समेत 49 दिग्गज संगठन की कमान संभालने के इच्छुक हैं।

कांग्रेस ने प्रत्येक जिले से 6-6 नामों का पैनल तैयार किया था, जिसे अब घटाकर 3-3 नामों का अंतिम पैनल बनाया गया हैं। सूत्रों के अनुसार, नवंबर 2025 के पहले सप्ताह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मंजूरी के बाद जिलाध्यक्षों की अंतिम सूची जारी हो सकती हैं।

कांग्रेस आलाकमान ने इस बार संगठन में बदलाव के लिए नई नीति अपनाई है। उदयपुर डिक्लेरेशन के तहत 50 प्रतिशत पदाधिकारी 50 वर्ष से कम उम्र के होंगे, जिससे युवा नेतृत्व को बढ़ावा मिलेगा।

हालांकि, इस फैसले से वरिष्ठ नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है, जो अनुभव को अहम मानते हैं। कई जिलों में युवा और अनुभवी नेताओं के बीच टकराव की आशंका भी जताई जा रही है, खासकर क्योंकि जिलाध्यक्ष का पद अब टिकट वितरण में प्रभावशाली भूमिका निभाएगा।

जिलाध्यक्ष अब केवल औपचारिक चेहरा नहीं, बल्कि बूथ स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक पार्टी का सबसे मजबूत नेता होगा। उनकी रिपोर्ट हाईकमान को सीधे भेजी जाएगी और विधानसभा चुनाव में टिकट तय करने में उनकी राय को प्राथमिकता मिलेगी। यही कारण है कि मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री इस पद पर कब्जा जमाने की होड़ में है।

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