Chhath Puja 2025: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं.
ढलते सूर्य को अर्घ्य देने का समय
पंचांग के अनुसार जिस कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को छठ महापर्व के रूप में बड़ी श्रद्धा और विश्वास के रूप में मनाया जाता है, वह आज 27 अक्टूबर 2025 को 06:04 बजे से प्रारंभ होकर कल 28 अक्टूबर 2025 को प्रात:काल 07:59 बजे समाप्त होगी. आज भगवान सूर्य का उदय प्रात:काल 06:30 बजे और सूर्यास्त सायंकाल 05:40 बजे होगा.
महापर्व के लिए पूरी हुई तैयारी
राजधानी पटना में छठ महापर्व की पूरी तैयारी हो चुकी है. गंगा नदी किनारे कई घाटों का निर्माण जिला प्रशासन के द्वारा कराया गया है. छठ व्रतियों को अर्घ्य देने में कोई परेशानी नहीं हो इसको लेकर राजधानी पटना में नगर निगम द्वारा कृत्रिम तालाब भी बनाए गए हैं. गंगा किनारे लाखों की संख्या के छठव्रती अर्घ्य देंगे और उसके लिए जिला प्रशासन और नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है. पटना के सभी घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए है.
अवैध नाव परिचालन पर रोक
गंगा नदी ने अवैध तरीके से नाव का परिचालन नहीं हो इसको लेकर एनडीआरएफ की टीम भी सभी घाटों पर तैनात है. छठ घाट पर पटाखे नहीं फोड़े जाएं, इसको लेकर भी जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. सभी घाटों पर पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है. सबसे ज्यादा बड़ा घाट दीघा में बनाया गया है, जहां 25,000 गाड़ियों को एक साथ पार्किंग की व्यवस्था की गई है.
क्यों मनाई जाती है छठ पूजा?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, छठ पूजा का पर्व सूर्य देव को धन्यवाद देने और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मनाया जाता है. भक्त इस दौरान सूर्य देव की बहन छठी मईया की भी पूजा करते हैं, जो संतान और परिवार के सुख-समृद्धि की कामना के लिए की जाती है. ऐसा माना जाता है कि छठ पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति का वास होता है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें

