सत्यपाल राजपूत, रायपुर. आंबेडकर अस्पताल में गर्भवती महिला से दुर्व्यवहार के मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जांच के निर्देश दिए हैं. सिंहदेव ने अधिकारियों से कहा कि जांच में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होना चाहिए. दरअसल मामला पांच दिन हो गए लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है. जूनियर डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर आज छत्तीसगढ़ सेवा कल्याण परिषद ने डीन को ज्ञापन सौंपा है.

डीन डॉक्टर आभा सिंह ने कहा कि शिकायत करने वाले उसको नौकरी से निलंबित करने की मांग की है, लेकिन ये संभव नहीं है. क्योंकि वो सलेक्शन होकर आए रहते हैं, वो नौकरी नहीं करते. मंगलवार शाम को जूनियर डॉक्टर को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया है. उसके जवाब आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल उसको ड्यूटी में आने से रोका गया है.

इधर, हॉस्पिटल अधीक्षक विवेक चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया है कि जांच में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए. मामले का निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए हैं. मामले में कमेटी गठित कर जांच की गई है और जूनियर डॉक्टर को नोटिस दिया गया है कि वह अपना पक्ष रखें. जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.  उन्होंने कहा कि जांच में अब तक मामला स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मरीज़ ने डॉक्टर को मारा है या डॉक्टर ने मरीज़ को, वीडियो में यह स्पष्ट नहीं है. वहां पर ड्यूटी कर रहे अन्य स्टाफ़ ने बताया कि मरीज़ डॉक्टर से बदतमीज़ी कर रही थी.

सेवा कल्याण परिषद के प्रदेश संयोजक राहुल हरितवाल ने बताया कि डॉक्टर ने मरीज़ को थप्पड़ मार दिया, क्योंकि वो चौथी बार गर्भवती हुई हैं, और बच्चे को जन्म देना चाहती है. इस पर गर्भवती ने कहा कि वह चौथे बच्चे को पालने में समर्थ है. इसके बाद विवाद बढ़ गया और डॉक्टर ने थप्पड़ जड़ दिया. इसकी जांच होनी चाहिए. जांच नहीं होने पर आगे प्रदर्शन किया जाएगा. इसको लेकर ज्ञापन सौंपा गया है.

बता दें कि 19 अक्टूबर को महिला प्रसव पीड़ा होने पर आंबेडकर अस्पताल पहुंची थी. उसी महिला ने डॉक्टर पर मारपीट करने का आरोप लगाया था. जिसके विरोध में कई सामाजिक संस्थाओं ने जांच की मांग और डॉक्टर को निलंबित करने ज्ञापन सौंपा है. वहीं महिला ने थाने में जूनियर डॉक्टर के खिलाफ शिकायत की है.