शब्बीर अहमद, भोपाल। राजधानी भोपाल में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को लेकर उठे विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। राज्य साइबर सेल के निर्देश पर क्राइम ब्रांच ने नर्सिंग कॉलेजों द्वारा ऑनलाइन आवेदन के जरिए प्राप्त मान्यताओं की गहन जांच शुरू कर दी है। यह कार्रवाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार की शिकायत पर आधारित है, जिसमें प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में फर्जी दस्तावेजों और मोबाइल नंबरों के इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाया गया है।
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NSUI की शिकायत के अनुसार, कई प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज, खासकर एनआरआई नर्सिंग कॉलेज भोपाल, ने 2025-26 सत्र की मान्यता के लिए फर्जी फैकल्टी लिस्ट और दस्तावेज जमा किए हैं। जांच में पाया गया कि प्राचार्य एनसी थामस जैसे कई नाम विदेश में रहते हुए भी कागजों पर सक्रिय दिखाए गए हैं। रवि परमार ने बताया हमने क्राइम ब्रांच को ठोस सबूत सौंपे हैं, जिसमें संबंधित दस्तावेजों, मोबाइल नंबरों और ऑनलाइन आवेदनों की विस्तृत जांच की मांग की गई है।
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राज्य साइबर सेल ने क्राइम ब्रांच को निर्देश दिए हैं कि मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल के पोर्टल पर जमा आवेदनों, ईमेल और मोबाइल नंबरों की साइबर फॉरेंसिक जांच की जाए। यह मामला पिछले साल के नर्सिंग महाघोटाले से जुड़ा है, जहां सीबीआई ने 72 कॉलेजों को अनफिट घोषित किया था, लेकिन इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने कुछ को मान्यता दे दी। भोपाल के 29 कॉलेजों को जनवरी 2025 में मान्यता मिली थी, लेकिन NSUI ने देरी और अनियमितताओं पर सवाल उठाए।

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