वीरेंद्र कुमार, नालंदा। नालंदा में लोक आस्था और सूर्य उपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा सोमवार की सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से संपन्न हुआ। प्रातःकालीन बेला में जैसे ही पूर्व दिशा में सूर्यदेव की लालिमा फैली, वैसे ही जिले के सभी छठ घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। व्रतियों ने कमर तक जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया और परिवार की सुख, समृद्धि, शांति तथा संतान की लंबी उम्र की कामना की।
नालंदा जिले के प्रमुख घाटों में, मोरा तालाब, कोसुक, बड़गांव, सोहसराय, आशानगर, बरांदी, रघुनाथपुर, बसार बीघा, औगॉरी समेत सैकड़ों घाटों पर भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। घाटों पर जय छठी मइया के जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा।
वही इस मौके पर राजवीर सिंह, राजन सिंह, रामजी सिंह, जयति देवी, रणवीर सिंह, बिपुल कुमार, सनी राज, रॉनित राज, राजा कुमार, गोलू कुमार अविनाश सिंह के अलावे सैकड़ो श्रद्धालुओं ने उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ।
छठ पर्व के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एसडीआरएफ की टीमों को घाटों पर तैनात किया गया था, साथ ही गोताखोरों की भी ड्यूटी लगाई गई थी। हर घाट पर साफ-सफाई और रोशनी की विशेष व्यवस्था की गई थी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
मान्यताओं के अनुसार, उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने से सुख, सौभाग्य और समृद्धि का वरदान मिलता है। यह पर्व न केवल आत्मिक शुद्धि और अनुशासन का प्रतीक है, बल्कि यह परिवार और समाज में एकता, आस्था और विश्वास का भी संदेश देता है। छठी मइया के जयकारों के बीच जब सूर्यदेव का प्रकाश व्रतियों के माथे पर पड़ा, तो पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।
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