पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र दो प्रमुख गठबंधनों ने अपने घोषणापत्र की घोषणा की जानकारी दी है। पहले मोर्चे पर राष्ट्रीय जनता दल-नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने मंगलवार को अपना साझा “प्रण पत्र” जारी करने का इरादा जताया है। तेजस्वी ने कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री का चेहरा पहले ही घोषित कर दिया है और अब अगले पांच वर्षों के लिए अपना रोडमैप भी सार्वजनिक कर रहे हैं। उन्होंने कहा हमने एक रोडमैप, एक विजन दिया है और हम स्पष्ट हैं कि हम बिहार को नंबर वन बनाएंगे। वे केवल नकारात्मक बातें करते हैं और हमारे नेताओं पर आरोप लगाते हैं।
आरोप प्रत्यारोप कर रहा NDA
महागठबंधन का कहना है कि उनकी पार्टी और उनके साथी दल सकारात्मक एजेंडा लाकर चुनाव में उतर रहे हैं जहां दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी-नेता और एनडीए समन्वयक दल दावा कर रहे हैं कि विपक्ष बिना योजना के सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप कर रहा है।वहीं दूसरी ओर एनडीए मंगलवार के बाद 30 अक्टूबर को अपनी घोषणापत्र रिलीज करने जा रहा है। एनडीए के घटक दलों ने पटना में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाया है, जिसमें इस घोषणापत्र को सार्वजनिक किया जाना है। इस घोषणापत्र में उनकी सरकार बनने पर अगले पांच साल में क्या-क्या कार्य होंगे, उस पर रूपरेखा पेश की जाएगी।
पूरे देश में लागू होनी चाहिए
चुनावी पटल पर एक और अहम विषय रहा है मतदाता सूची और साक्ष्य-आधारित पहचान प्रणाली (SIR) का मसला। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने जोर देकर कहा कि SIR सिर्फ एक राज्य के लिए सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि पूरे देश में लागू होनी चाहिए। उन्होंने यह बात रखते हुए कहा कि वोटर सूची में गड़बड़ी दूर करने, व्यक्तियों का दो-जगह पंजीकरण होने, मृत व्यक्तियों के नाम रह जाने जैसे मामलों को खत्म करना ज़रूरी है। मांझी ने कहा बहुत लोग मर जाते हैं, लोगों का दो जगह नाम होता है और बहुत लोग ऐसे हैं जो बाहर से आए हैं, ऐसे लोगों का भी वोटर लिस्ट में नाम है। संविधान में यह है कि जो भारत में जन्मा है, उसी का वोटर लिस्ट में नाम होना चाहिए। शुचिता के लिए, शुद्धता के लिए SIR बहुत जरूरी है।
बिहार की जनता को गुमराह करने का प्रयास
एनडीए के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने इस संदर्भ में कहा कि बिहार में SIR लागू हुआ और इसे लेकर खूब हंगामा हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष-गुट जैसे राहुल गांधी व तेजस्वी यादव आदि ने बिहार की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन SIR सिस्टम सफल रहा। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश में लागू होनी चाहिए।
दोनों की तैयारी लगभग पूरी
इस तरह, बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान घोषणापत्र और मतदाता सत्यापन प्रणाली दोनों की बातें प्रमुख हो चली हैं। महागठबंधन ने अपने एजेंडा को “प्रण पत्र” की रूप में पेश करेगा और एनडीए अपनी घोषणापत्र सार्वजनिक करने की तैयारी में है। चुनावी रणभेरी अभी पीटने को हैदोनों ओर से योजनाए, वादे और शिकायतें सामने आ रही हैं। आने वाले दिनों में यह देखा जाना होगा कि जनता इन मापदंडों को कितनी गंभीरता से लेती है और किन प्रस्तावों को प्राथमिकता देती है।
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