रायपुर। NEWS 24 MP-CG और लल्लूराम डॉट कॉम का ‘रजत सम्मेलन – विजन @ 2025 : कल, आज और कल’ में “क्रांति से शांति तक” कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा शामिल हुए. उन्होंने रेजिडेंट एडिटर आशीष तिवारी के साथ खास चर्चा की.

बस्तर में माओवादी संगठन के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है. इस पर हुई प्रगति और तय समयसीमा में लक्ष्य पूरा होने के सवाल पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आप प्रतिदिन अपने सुबह उठने का समय तय नहीं कर पाते लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के समापन का डेट तय कर दिया है.

उन्होंने कहा कि सरकार को बने अभी दो साल भी पूरे नहीं हुए हैं इतने दिनों में 2150 से अधिक नक्सलियों ने पुनर्वास किया है. 1700 से अधिक माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है और 455 नक्सलियों को मार गिराया गया है. लगभग 4000 नक्सलियों की संख्या कम हुई है. हमारे जवानों की ताकत के आधार पर जो आंकड़ा निकल कर सामने आ रहा है और गृह मंत्री अमित शाह के रणनीति पर आधारित होकर जरूर कह सकते हैं कि निर्धारित समय में सब कुछ पूरा हो ही जाएगा.

बस्तर से मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा का गृह मंत्री अमित शाह के आईडिया पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ने कहा कि इसमें ज्यादा कुछ नहीं कह सकता लेकिन इतना कुछ कैलकुलेटड था कि वह सब जानकर मुझे विश्वास हो गया था.

कांग्रेस के फर्जी मुठभेड़ और फर्जी माओवादी आत्मसमर्पण के आरोप पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हमारे देश के जवानों ने जब-जब शौर्य का परिचय दिया तब-तब उन्होंने उनके पराक्रम को निचा दिखाने की कोशिश की. चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक या फिर ऑपरेशन सिंदूर हो सब पर उन्होंने सवाल उठाया है. भारत का जवान शौर्य का प्रदर्शन कर रहा है ये गवारा इनको प्रारंभ से नहीं है. इनकी शुरू से सोच रही है की भारत तो बस यूं ही है, भारत कहां आगे बढ़ पाएगा. लेकिन भाजपा का भाव है कि भारत में ही शौर्य है, भारत में ही सामर्थ्य है. आने वाले समय में भारत ही विश्व गुरु बनकर सामने आएगा इसमें भी संशय नहीं है. कांग्रेस वाले जवानों के शौर्य प्रदर्शन पर आक्षेप लगाते हैं और हम ताली बजाकर उत्साहवर्धन करते हैं.

आने वाले समय में बस्तर को लेकर सरकार की परिकल्पना पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर में अभी 400 सुरक्षा कैंप है, जिसे अब हम विकास का कैंप कहते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कल्पना ऐसी है आने वाले समय में कैंप लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन के केंद्र बन जाएँगे. ऐसे 5-5 किलोमीटर के रेडियस में कैंप बना हुआ है जो आसपास के गांव के लिए बड़ा केंद्र बनेगा. उन्होंने बताया कि तीरथगढ़ जलप्रपात में बना कैंप अभी मोटल बन चुका है. उन्होंने आगे कहा कि बस्तर के लोग इस बात के लिए बिल्कुल तैयार हैं की हम व्यापार में, लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण में आगे बढ़ते हैं. बस्तर की महिलाओं में आर्थिक तौर पर संपन्न होने की इच्छा है और उनके पास संसाधनों की प्रचुरता है.