बिहार के बाद बंगाल समेत देशभर में चुनाव आयोग SIR लागू करने की तैयारी में है. बिहार में इसे लागू करने के बाद जैसे ही SIR को अन्य राज्यों में लागू करने की बात चुनाव आयोग ने कही थी तभी से इसे लेकर हंगामा खड़ा हो गया था. अब 2026 में होने वाले चुनाव से पहले ही TMC की धड़कने इसको लेकर बढ़ने लगी है. वहीं चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR मतलब स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का आदेश जारी कर दिया है. जिसकी शुरुआत भी हो गई है. वैसे तो इसका विरोध तमिलनाडु और केरल में भी हो रहा है.

लेकिन पश्चिम बंगाल में अचानक से सियासी गर्मी अपने उफान पर है. घुसपैठियों को लेकर सवालों के घेरे में रहने वाली ममता सरकार को सबसे अधिक डर अपने वोटरों के छटनी का सता रहा है. इसी वजह से टीएमसी और बीजेपी फिलहाल आमने सामने हैं. टीएमसी का कहना है कि SIR 2.0 बंगाल में वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ की साजिश है जबकि बीजेपी कह रही है कि TMC फर्जी वोटरों की सफाई प्रक्रिया से घबरा गई है.

टीएमसी का आरोप- सब बीजेपी के इशारे पर हो रहा

TMC का आरोप है कि ये सब कुछ बीजेपी के इशारे पर किया जा रहा है जबकि बीजेपी इसे तृणमूल कांग्रेस की बौखलाहट बता रही है. टीएमसी कह रही है कि बीजेपी बंगाल में आग के साथ खेल रही है तो बीजेपी का कटाक्ष है कि ममता बनर्जी बुरी तरह घबराई हुई हैं. वहीं अब SIR 2.0 के विरोध में तृणमूल कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. अभिषेक बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की है और कहा है – खेल बीजेपी ने शुरू किया है लेकिन खत्म टीएमसी करेगी. ऐसे ही चिंगारी भरे बयान अब बंगाल में सियासी क्लेश की वजह बन रहे हैं.

केंद्र सरकार को दी सीधी चुनौती

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग का एक ही उद्देश्य है बंगाल के लोगों का अपमान करना है. बंगाल के लोगों को बांग्लादेशी बताना, केंद्र सरकार बंगाल के लोगों का अधिकार छीनना चाहती हैं. हम ऐसा नहीं होंगे देंगे और मैं आज यहां से ये बोल रहा हूं. अगर एक भी वोटर का नाम काटा गया तो बंगाल के एक लाख लोगों के साथ चुनाव आयोग के ऑफिस का घेराव करेंगे. अमित शाह और दिल्ली पुलिस हमें रोककर दिखाए.

देश छोड़कर नहीं भागने की अपील

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार से सरकार बदलने पर देश छोड़कर नहीं भागने की अपील करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, आप जहां भी जाएंगे, मैं आपको ढूंढकर वापस लाऊंगा. आपको जनता को जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि एसआईआर का मतलब साइलेंट इनविजिबल रिगिंग है और तर्क दिया कि यह प्रक्रिया असली मतदाताओं को शामिल करने के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक निर्देश पर उन्हें बाहर करने की साजिश है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 10 अक्टूबर को कहा था कि भारत सरकार की एजेंसियां जो बीजेपी की मर्जी से चलती हैं, अब सिर्फ गंदी राजनीति कर रही हैं. चाहे वो संस्कृति हो, शिक्षा हो या मतदाता सूची हो या त्योहार हो हर जगह केंद्र सरकार की एजेंसियां राजनीति में शामिल हैं. दिल्ली में बैठे कुछ लोग समझते हैं कि सब कुछ उनकी मर्जी से चलेगा. अगर उन्होंने ये रवैया अपनाया तो उनके दंगे और दूसरी काली करतूतों का इतिहास फिर से सामने आएगा.

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