कुन्दन कुमार/गोपालगंज। जिले की कुचायकोट विधानसभा में चुनावी माहौल के बीच एक अनोखा नजारा देखने को मिला। यहां कर्णपुरा गांव की जनता ने एनडीए प्रत्याशी अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय का जिस तरह से सम्मान किया उसने पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना दिया। ग्रामीणों ने पप्पू पांडेय को 1 क्विंटल दूध से नहलाया, पियरी (पीले रंग की) धोती-कुर्ता पहनाया और उनके सिर पर चांदी का मुकुट सजाकर तीर-धनुष अर्पित किया।

जानें क्या बोली जनता

ग्रामीणों के अनुसार, यह कार्यक्रम किसी राजनीतिक रस्म से अधिक आस्था और प्रेम का प्रतीक था। लोगों ने कहा कि पप्पू पांडेय हमारे बीच के नेता ही नहीं, बल्कि जनता के महादेव और हमारे श्रीराम प्रभु हैं। जिस तरह भगवान को दूध से स्नान कराया जाता है, उसी तरह हमने अपने प्रिय नेता को भी दूध से स्नान कराकर उनका अभिनंदन किया है। ग्रामीणों के इस भावनात्मक समर्पण ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया।

लगाए जयकारे के नारे

कार्यक्रम के दौरान चारों ओर जय पप्पू पांडेय और जनता के महादेव अमर रहें जैसे नारों से वातावरण गूंज उठा। महिलाएं आरती की थाल लेकर स्वागत में खड़ी थीं, वहीं युवाओं ने पारंपरिक संगीत और नाच-गान से माहौल को और अधिक जीवंत बना दिया।

हर संभव प्रयास करूंगा

इस मौके पर पप्पू पांडेय खुद भी जनता के प्रेम से अभिभूत दिखे। उन्होंने बात करते हुए कहा जनता ही मेरे भगवान हैं। मैं हमेशा उनके बीच रहता हूं और वही मुझे स्नेह व आशीर्वाद देती है। आज जो स्नेह और सम्मान मुझे मिला है, वह मेरे जीवन का सबसे बड़ा पुरस्कार है। तीर-धनुष भले ही प्रतीकात्मक रूप से मुझे दिया गया हो, लेकिन यह जनता के विश्वास और प्रेम का संदेश है। मैं इस भरोसे को कभी टूटने नहीं दूंगा और उनके लिए हर संभव कार्य करूंगा।

सम्मान में उमड़ी भीड़

उन्होंने आगे कहा कि जनता की सेवा ही उनका एकमात्र लक्ष्य है। चुनाव तो आता-जाता रहेगा, लेकिन जनता का दिल जीतना ही सबसे बड़ी जीत होती है। मैं हमेशा जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करता रहूंगा। गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने भी कहा कि पप्पू पांडेय ने वर्षों से जनता के सुख-दुख में साथ दिया है, और यही कारण है कि आज पूरा गांव उनके सम्मान में उमड़ पड़ा।

चर्चा का विषय बना अनोखा कार्यक्रम

कर्णपुरा में आयोजित इस सम्मान समारोह ने यह साबित कर दिया कि जनता का स्नेह और समर्थन ही किसी भी नेता की सबसे बड़ी ताकत होता है। जिस श्रद्धा और उत्साह से ग्रामीणों ने अपने नेता का अभिनंदन किया, वह न केवल राजनीतिक, बल्कि सामाजिक जुड़ाव की मिसाल पेश करता है। कुचायकोट विधानसभा में इस घटना ने चुनावी माहौल को और रोचक बना दिया है। जनता और प्रत्याशी के बीच इस तरह की आत्मीयता यह बताती है कि राजनीति सिर्फ वोट की बात नहीं, बल्कि रिश्ते और विश्वास का बंधन भी है।