अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से एक शर्मनाक और चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। जहां बच्चे हाथों में किताबें थामे बारिश में भीगते रहे, लेकिन स्कूल के गेट का ताला नहीं खुला। यह मामला ग्राम पंचायत सेमरा के प्राथमिक पाठशाला व पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है। जहां प्रिंसिपल रामलखन गुप्ता की लापरवाही के चलते पूरा स्कूल घंटों बंद रहा और बच्चे स्कूल गेट के बाहर बारिश में खड़े होकर शिक्षक का इंतज़ार करते रहे।

रोज की तरह बच्चे समय पर स्कूल पहुंचे, लेकिन गेट पर लगा ताला देखकर हैरान रह गए। बारिश तेज होती चली गई, लेकिन न तो शिक्षक पहुंचे और न ही किसी ने बच्चों को अंदर आने दिया। स्थिति यह रही कि छोटे-छोटे बच्चे बैग सिर पर रखकर स्कूल गेट के बाहर बारिश में भीगते रहे। जबकि कई अभिभावक भी अपने बच्चों के साथ घंटों इंतजार करते रहे।

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स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं हुआ। प्रिंसिपल रामलखन गुप्ता अक्सर देर से स्कूल आते हैं। जिसके चलते बच्चों को रोजाना परेशानी होती है। बच्चों की दयनीय हालत देखकर ग्राम पंचायत सेमरा के सरपंच मनोज बैगा सहित ग्रामीणों ने पंचनाम तैयार कर अधिकारियों को शिकायत दी है।

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ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षकों की इस लापरवाही से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और स्कूल शिक्षा का मंदिर अब ताले और इंतजार का प्रतीक बन गया है। स्थानीय अभिभावकों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाई नहीं, इंतज़ार सिखाया जा रहा है। अधिकारियों से मांग की गई है कि ऐसे लापरवाह शिक्षकों पर तुरंत कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में बच्चों को इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े।

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