Nakshatra Vrat and Puja for Success: नक्षत्र व्रत ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत प्रभावशाली माना गया है. प्रत्येक नक्षत्र का अपना अधिष्ठाता देवता होता है, जिसकी पूजा से जीवन में धन, सम्मान, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है. यह व्रत व्यक्ति के जन्म नक्षत्र के अनुसार किया जाता है, जिससे उसकी मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है.

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Nakshatra Vrat and Puja for Success

Nakshatra Vrat and Puja for Success

प्रमुख नक्षत्र और उनसे जुड़े व्रत

अश्विनी नक्षत्र में अश्विनी कुमार की पूजा आरोग्य और सफलता के लिए की जाती है.
रोहिणी नक्षत्र में ब्रह्माजी की पूजा ज्ञान और समृद्धि के लिए लाभदायक होती है.
हस्त नक्षत्र में किए गए व्रत से धन, विद्या और सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है. भगवान राम ने त्रेता युग में इसी हस्त नक्षत्र में रावण का वध किया था.

मृगशिरा, भरणी, मघा और अन्य नक्षत्रों के व्रत भी अपने-अपने क्षेत्रों में सिद्धि प्रदान करते हैं.

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नक्षत्र पुरुष नारायण व्रत

यह व्रत चैत्र मास में किया जाता है और इसे सर्वोच्च व्रत माना जाता है. इसमें भगवान विष्णु के शरीर के अंगों की पूजा की जाती है, जो व्यक्ति को समस्त दुखों से मुक्ति और सफल जीवन प्रदान करता है.

नक्षत्र शांति पूजा

यह पूजा जन्म के समय प्रचलित नक्षत्रों के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए की जाती है. इससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति सुधरती है, दुर्भाग्य कम होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है. अश्लेषा, मूल और विशाखा जैसे नक्षत्रों के लिए यह पूजा विशेष रूप से आवश्यक है.

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नक्षत्र व्रत से प्राप्त लाभ (Nakshatra Vrat and Puja)

  • सफलता और सिद्धि की प्राप्ति
  • धन, सम्पदा और विद्या की वृद्धि
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
  • बुरी शक्तियों और दोषों से रक्षा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अपने जन्म नक्षत्र के अनुसार व्रत और पूजा करने से व्रत की सिद्धि और फलदायकता बढ़ जाती है. इसलिए विधिपूर्वक नक्षत्र व्रत कर जीवन में खुशहाली और सफलता सुनिश्चित की जा सकती है.

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