Afghanistan Taliban Warning Pakistan: खैबर पख्तूनख्वा में फैले असंतोष को दूर करने के लिए पाकिस्तान आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर (Asim Munir) ने खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में ‘जिरगा’ (Jirga) बुलाई। आसिम मुनीर ने जिरगा बुलाकर कबायली नेताओं के गुस्से को शांत करने की कोशिश की। आर्मी लिबास में पहुंचे आसिम मुनीर ने यहां मजहब के पाकिस्तानी ब्रांड की दुहाई दी। मुनीर ने अपने देश में फैले असंतोष में भारत का नाम लेकर अफगानिस्तान की तालिबान (Taliban) सरकार पर सारा दोष मढ़ दिया। मुनीर ने पाकिस्तान में हो रहे हमलों के लिए एक बार फिर से कथित तौर पर भारत समर्थित तत्वों को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद मामले में तालिबान की धमाकेदार एंट्री हुई। तालिबान ने कहा है कि भारत का नाम लेकर हमारे सब्र का इम्तिहान लिया गया तो नतीजे बहुत विनाशकारी होंगे।
बता दें कि जिरगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव के बीच महत्वपूर्ण था, जहां हाल के दिनों में सीमा पर घुसपैठ और आतंकी हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। जिरगे के बाद मुनीर ने कबायली बुजुर्गों के साथ फोटो भी खिंचवाई।
आसिम मुनीर ने इस जिरगे में कहा कि काबुल के साथ संबंध सुधारने के पाकिस्तान के बार-बार प्रयासों के बावजूद, अफगान धरती फितना अल-ख्वारिज और फितना अल-हिंदुस्तान आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित शरणस्थली बनी हुई है। इस जिरगे में आसिम मुनीर ने एक बार भी ये नहीं कहा कि पाकिस्तान की सेना सीमाई इलाकों में अपने ही नागरिकों पर विमानों से हमला क्यों करती है। पिछले ही दिनों ऐसे हमले में दर्जनों बेगुनाह लोग मारे गए हैं।
खलीफा ने दी अफगानी हौसले की दुहाई
वहीं पाकिस्तान की चुनौती को स्वीकार करते हुए अफगानिस्तान के गृह मंत्री और तालिबानी नेता खलीफा सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) ने कहा है कि हमारे सब्र का इम्तिहान न लिया जाए अन्यथा नतीजे बहुत विनाशकारी होंगे। खलीफा सिराजुद्दीन ने अफगानी हौसले की दुहाई देते हुए साफ-साफ कह कि हालांकि अफ़ग़ानिस्तान के पास लंबी दूरी की मिसाइलें या भारी हथियार नहीं हैं, फिर भी अगर हमारे ऊपर हमला हुआ तो इसका जवाब देने के लिए हम चट्टान की तरह डटे हैं।

हक्कानी ने आगे कहा कि अपने क्षेत्र की रक्षा हमारी प्राथमिकताओं में से एक है। इन सबके बावजूद आपसी समझ का रास्ता खुला है। लेकिन अगर कोई आक्रमण करता है, तो हम दुनिया के बादशाहों से लड़ चुके हैं और अपने क्षेत्र की रक्षा करना हमारे लिए कोई मुश्किल काम नहीं है। खलीफा सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा कि कतर और तुर्की में पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुई बैठकों में पाकिस्तान को साफ साफ कह दिया गया कि उनकी आंतरिक समस्याओं को अफ़गानिस्तान से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “समस्या आपकी है. आपके पास समाधान है. तो फिर आप इसे हमसे क्यों जोड़ रहे हैं?” किसी देश का नाम लिए बिना खलीफा सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा कि कुछ देश अपने हितों की रक्षा के लिए दूसरे देशों के क्षेत्र का उल्लंघन करते हैं। सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा, “एक ओर अपने हितों की रक्षा के लिए एक देश दूसरे के क्षेत्र का उल्लंघन करता है; लेकिन अफगानों ने युद्ध के मैदान में खुद को साबित कर दिया है और अगर हमारी सहनशीलता की फिर से परीक्षा ली गई, तो हमारी प्रतिक्रिया बहुत विनाशकारी होगी।
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