दिल्ली नगर निगम (MCD) के 12 वार्डों में खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए उपचुनाव की तारीख घोषित हो गई है। राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार (28 अक्टूबर) को उपचुनाव का कार्यक्रम जारी करते हुए बताया कि 30 नवंबर को मतदान कराया जाएगा। मतदान सुबह 7:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक होगा। उपचुनाव की घोषणा के साथ ही इन सभी वार्डों में आम आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
स्टेट इलेक्शन कमिशन (दिल्ली) के अनुसार, नगर निगम (MCD) के कुल 250 वार्डों में से 12 वार्डों में उपचुनाव 30 नवंबर को कराए जाएंगे। आयोग की ओर से जारी कार्यक्रम के तहत चुनाव का औपचारिक नोटिफिकेशन 3 नवंबर को जारी होगा और इसी दिन नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। उम्मीदवार 10 नवंबर तक अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे, जबकि नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 15 नवंबर तय की गई है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, मतदान 30 नवंबर को होगा और उसके बाद परिणामों की घोषणा की तारीख आयोग अलग से घोषित करेगा।
दिल्ली नगर निगम (MCD) के 12 खाली वार्डों में होने वाले 30 नवंबर के उपचुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारियाँ तेज हो गई हैं। स्टेट इलेक्शन कमिशन ने चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 7 डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर (DEO), 11 रिटर्निंग ऑफिसर (RO) और 11 इलेक्शन ऑब्जर्वर नियुक्त कर दिए हैं। इसके साथ ही चुनाव की निगरानी के लिए एक एक्रेडिटेड ऑब्जर्वर की भी नियुक्ति की गई है।
प्रत्याशी अधिकतम 8 लाख तक कर सकेंगे खर्च
चुनाव आयोग ने उपचुनाव में प्रत्याशियों के लिए नामांकन और चुनावी खर्च से जुड़ी शर्तों को भी स्पष्ट किया है। सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को नामांकन के समय ₹5,000, जबकि अनुसूचित जाति वर्ग के प्रत्याशी को ₹2,500 सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा करनी होगी। इसके अलावा, उपचुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार को अधिकतम ₹8 लाख तक प्रचार-प्रसार पर खर्च करने की अनुमति दी गई है। चुनाव आयोग ने निगरानी के लिए खर्च पर नियंत्रण रखने, फील्ड टीमों की तैनाती और फ्लाइंग स्क्वॉड की गतिविधि बढ़ाने की भी तैयारी की है।
करीब 7 लाख मतदाता डालेंगे वोट
उपचुनाव में कुल 6,98,751 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें शामिल हैं:
श्रेणी संख्या
पुरुष मतदाता 3,74,988
महिला मतदाता 3,23,710
थर्ड जेंडर मतदाता 53
दिव्यांग मतदाता 60
वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष से अधिक) 14,529
नए युवा मतदाता (18 वर्ष) 4,458
चुनाव आयोग ने मतदान के लिए कुल 580 पोलिंग स्टेशन स्थापित किए हैं। इनमें से सबसे अधिक 55 पोलिंग स्टेशन शालीमार बाग-बी वार्ड में बनाए गए हैं, जो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का पूर्व वार्ड भी रहा है। इस क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या और रणनीतिक दृष्टि से मतदान केंद्रों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
महिला-पुरुष मतदाताओं में मामूली अंतर
आयोग के आंकड़ों से यह भी सामने आया है कि तीन वार्डों में पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या में बहुत कम अंतर है, जो इन क्षेत्रों में संतुलित मतदान समीकरण की ओर संकेत करता है। सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ मतदाता (2.07%) की संख्या इस बार 18 वर्ष के नए युवा मतदाताओं (0.63%) से अधिक है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि वरिष्ठ नागरिक चुनाव प्रक्रिया में अधिक सक्रिय और जागरूक हैं, जबकि पहली बार वोट देने वाले युवाओं की हिस्सेदारी अपेक्षाकृत कम है।
वार्ड वाइज वोटर्स की संख्या
• मुंडका (सामान्य) – 54,525
• शालीमार बाग-बी (महिला) – 66,391
• अशोक विहार (महिला) – 56,697
• चांदनी चौक (सामान्य) – 44,166
• चांदनी महल (सामान्य) – 46,237
• द्वारका-बी (महिला) – 66,184
• दिचाऊं कलां (महिला) – 72,396
• नारायणा (सामान्य) – 59,340
• संगम विहार-ए (सामान्य) – 59,365
• दक्षिणपुरी (अनुसूचित जाति) – 61,636
• ग्रेटर कैलाश (महिला) – 49,624
• विनोद नगर (सामान्य) – 62,190
क्यों खाली हुईं ये सीटें
दिल्ली नगर निगम के इन 12 वार्डों में से 11 सीटें उन पार्षदों के विधायक निर्वाचित होने के बाद रिक्त हुई थीं। वहीं द्वारका-बी सीट पिछले वर्ष मई में सांसद कमलजीत सहरावत के लोकसभा सदस्य बनने के कारण खाली हुई। इन रिक्त सीटों में शालीमार बाग-बी भी शामिल है, जो उस समय खाली हुई जब रेखा गुप्ता विधायक चुनी गईं और उन्होंने पार्षद पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। यह सीट इस उपचुनाव में राजनीतिक रूप से सबसे अहम और हाई-प्रोफाइल मानी जा रही है।
किस पार्टी के पास थीं कौन-सी सीटें
उपचुनाव में जिन 12 वार्डों पर मतदान होना है, उनमें से तीन सीटें पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के पास थीं. चांदनी महल, चांदनी चौक, दक्षिणपुरी जबकि 9 सीटें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नियंत्रण में थीं, जिनमें शालीमार बाग-बी, द्वारका-बी, ग्रेटर कैलाश, दिचाऊं कलां, नारायणा, संगम विहार, विनोद नगर, अशोक विहार, मुंडका शामिल हैं। इनमें से शालीमार बाग-बी सीट राजनीतिक रूप से सबसे अधिक हाई-प्रोफाइल मानी जा रही है, क्योंकि यह मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के विधायक बनने के बाद खाली हुई थी।
एमसीडी का राजनीतिक समीकरण कैसे बदला?
वर्ष 2022 में तीनों एमसीडी का एकीकरण हुआ था और 250 सीटों पर निगम चुनाव हुए थे। उस समय आम आदमी पार्टी (AAP) ने 134 सीटें जीतकर निगम पर कब्ज़ा किया था, भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 104 सीटें मिली थीं, कांग्रेस को 8 सीटें और 3 निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए थे। लेकिन 2024–25 के दौरान राजनीतिक स्थिति तेजी से बदली। कई आप पार्षद भाजपा में शामिल हो गए, और 16 पार्षदों ने मिलकर नया राजनीतिक दल ‘इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी (IVP)’ बनाया। इन घटनाओं ने एमसीडी में सत्ता का समीकरण पलट दिया।
वर्तमान में एमसीडी की कुल 250 सीटों में से 12 रिक्त हैं. बाकी सीटों पर पार्टीवार स्थिति इस प्रकार है:
● बीजेपी – 116 सीटें
● आप – 98 सीटें
● कांग्रेस – 8 सीटें
● इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी – 15 सीटें
तीनों दलों की निगाहें इन 12 सीटों पर
उपचुनाव को भाजपा, आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस – तीनों ही दल बहुत अहम मान रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी इस उपचुनाव को एमसीडी में अपने मौजूदा वर्चस्व को और मजबूत करने का अवसर मान रही है। AAP की कोशिश अपनी खोई हुई सीटें वापस पाने और राजनीतिक ज़मीन फिर हासिल करने की है। वहीं कांग्रेस, जो पिछले कुछ समय से दिल्ली नगर निगम की राजनीति में कमजोर स्थिति में रही है, इस उपचुनाव में वापसी की उम्मीद देख रही है। दिलचस्प बात यह है कि तीनों ही दलों का दावा है कि वे सभी 12 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे, जिससे मुकाबला कड़ा और हाई-प्रोफाइल होने की संभावना है।
वोटिंग और नतीजों की तारीखें
◆ नामांकन शुरू: 3 नवंबर
◆ नामांकन की अंतिम तारीख: 10 नवंबर
◆ नामांकन वापसी की अंतिम तारीख: 15 नवंबर
◆ मतदान: 30 नवंबर (सुबह 7:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक)
◆ नतीजों की घोषणा: 3 दिसंबर
कांग्रेस ने की उम्मीदवार चयन की तैयारी
इसी बीच, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी उपचुनाव को लेकर रणनीति तेज कर दी है। राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई, जिसमें 12 वार्डों में उम्मीदवार चयन पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के बाद देवेंद्र यादव ने कहा कि पिछले 9 महीनों में एमसीडी की रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार हर क्षेत्र में नाकाम साबित हुई है। उन्होंने दावा किया कि “दिल्ली में लोग बदलाव की प्रतीक्षा में हैं।
बीजेपी के खिलाफ जनता में भारी गुस्सा है। कांग्रेस को इन उपचुनावों में बड़ी जीत का मौका मिल सकता है।” यादव ने कहा कि कांग्रेस ऐसे उम्मीदवार उतारेगी जो स्थानीय मुद्दों को समझते हों और लोगों के बीच सक्रिय हों।
BJP पर हमला, AAP से तुलना
बैठक में देवेंद्र यादव ने भाजपा नेतृत्व वाली एमसीडी और दिल्ली सरकार पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार, प्रदर्शन और पारदर्शिता के मामले में पिछली आम आदमी पार्टी सरकार से भी बदतर साबित हुई है। यादव ने आरोप लगाया कि “विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जिन वादों के आधार पर समर्थन मांगा था. बिजली-पानी की समस्याओं का समाधान,
सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना, प्रदूषण पर नियंत्रण, सड़कों की मरम्मत, अवैध निर्माण और घर गिराने से जुड़े विवादों का हल, और महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह मानदेय इनमें से एक भी मुद्दे पर ठोस काम नहीं हुआ।” उन्होंने दावा किया कि लोग अब उनके व्यवहारिक विकल्प के रूप में कांग्रेस को देख रहे हैं, और यह उपचुनाव दिल्ली की राजनीति में बड़ा संकेत साबित हो सकता है।
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