छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025: खनिज आधारित उद्योगों के इतर धीरे धीरे छत्तीसगढ़ अब नए तरह के उद्योगों और निर्माण क्षेत्रों की ओर भी फोकस कर रहा है. जिसकी सबसे सुखद तस्वीर अब नई राजधानी में नजर आ रही है. जहां इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में अब इलेक्ट्रिक व्हीकल का निर्माण भी हो रहा है. प्रदेश की नई उद्योग नीति में वैकल्पिक और नए उद्योगों की ओर बहुत अधिक फोकस किया जा रहा है. जिसमें ईव्हीकल निर्माण भी शामिल है.


दरअसल, नवा रायपुर के सेक्टर 22 में केंद्रीय उद्योग मंत्रालय की ओर से प्रदेश का पहला ईएमसी यानी इलेक्ट्रिक मैन्युपकचैरिंग क्लस्टर बनाया गया है. जिसकी लागत 92 करोड़ रुपए के आसपास है. इसमें बिजली संबंधी उपकरण बनाने वाली कंपनियों को निर्माण के लिए जमीन के साथ मैन्युफ्कैचरिंग यूनिट लगाने के लिए तमाम सुविधाएं हैं. करीब 28.32 हेक्टेयर क्षेत्र में सीएसआईडीसी इसे डेवलप कर रहा है. इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में अभी दो दर्जन से अधिक कंपनियां आ चुकी है. जिन्होंने उत्पादन कार्य भी शुरु कर दिया है. यही नहीं ईएमसी में प्रदेश की पहली इलेक्ट्रिक व्हीकल यूनिट भी लगी है. जिसमें तेजी के साथ निर्माण कार्य चल रहा है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल की मैनुफैक्चरिंग
सेक्टर 22 में ईएमसी में बने इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट मौजूद है. कंपनी से जुड़े लोगों के मुताबिक ईएमसी में बन रहे इलेक्ट्रिक व्हीकल केवल छत्तीसगढ़ में ही नहीं पड़ोसी राज्यों जैसे एमपी, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि में भी दौड़ रहे हैं. इस यूनिट में हर दिन 10 से ज्यादा यानी महीने में 300 से 400 इलेक्ट्रिक व्हीकल का निर्माण हो रहा है. जिनमें ई स्कूटर, ई साइकिल, ई रिक्शा जैसे वाहन है.
हालांकि चूंकि अभी प्रदेश में ई-वाहनों से जुड़े ऑटोपार्ट्स आदि का निर्माण अभी नहीं हो रहा है. लिहाजा कंपनी अभी ऑटोपार्ट्स बाहरी राज्यों से मंगवा रही है. यही नहीं इस यूनिट में छत्तीसगढ़ के करीब 150 से ज्यादा युवाओं इनमें महिलाएं भी शामिल है.
सीधा रोजगार भी मिला है
जानकार बताते हैं कि हमारे यहां जैसे जैसे ऑटो पार्ट्स की निर्माण इकाईयां खुलेगी वैस-वैसे इस क्षेत्र में बड़ी क्रांति आने की पूरी संभावनाएं है. क्योंकि इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री बहुत अधिक ग्रो करेगी.

