Rajasthan News: स्लीपर बसों की हड़ताल के बाद परिवहन विभाग की नीतियों के विरोध में अब स्टेज कैरिज बस ऑपरेटर्स भी हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। स्टेज कैरिज बस ऑपरेटर्स ने इस संबंध में 4 नवंबर को बैठक रखी है। इसमें स्टेज कैरिज, लोक परिवहन, उपनगरीय, ग्रामीण बसें ऑपरेटर्स शामिल हैं। 4 नवंबर को ये हड़ताल पर जाने का एलान करेंगे।

इसके साथ ही प्रदेश में चल रही 30 हजार बसों के पहिए थम जाएंगे। इन बसों के पहिए थमने से प्रदेश के करीब 10 लाख यात्री परेशान होंगे। वहीं, स्लीपर बसों की हड़ताल की वजह से शनिवार को रोडवेज और स्टेज कैरिज की बसों में भीड़ रही। लोगों को बसों में जगह नहीं मिली। रोडवेज की बसों में यात्रियों की मारामारी रही।

चालान और सीज की बढ़ती कार्रवाई से बढ़ी नाराजगी

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्य नारायण साहू ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जैसलमेर बस हादसे के बाद अब तक् एक हज़ार से ज़्यादा बसों के चालान किए गए हैं वहीं 200 से ज़्यादा बसों को सीज कर दिया गया है इन बसों पर लाखों रुपया का जुर्माना लगाकर बस ऑपरेटर्स को परेशान किया जा रहा है जोकि पूरी तरीक़े से ग़लत है।

सरकार और विभाग दोनों को ठहराया जिम्मेदार

परिवहन विभाग की ओर से बसों को परमिट दिया जाता है और फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट दिया जाता है यदि बस मालिक दोषी है तो परिवहन विभाग भी उतना ही दोषी है। माना हम ग़लत है लेकिन बॉडी में मेकिंग की कमी को दूर करने के लिए विभाग को हमें समय देना चाहिए जिससे कि हम उस कमी को दूर कर सकें जब समय नहीं मिलेगा तो फिर कमी दूर कैसे होगी।

अगर अब परिवहन विभाग हमारी मांगो पर सहमति नहीं जताता है तो अब चक्का जाम के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है। आम जनता को भी इससे परेशानी उठानी पड़ेगी और 2 नवंबर से प्रदेश में 30, हज़ार निजी बसों के संचालन पर पूरी तरीक़े से रोक रहेगी।

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