दिलशाद अहमद, सूरजपुर। प्रतापपुर विधानसभा से कांग्रेस विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने का गंभीर आरोप लगा है। ग्रामीणों ने इस मामले में कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों के भीतर विधायक का जाति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं किया गया, तो आंदोलन किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि चार माह पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बावजूद अभी तक रिपोर्ट नहीं आया है, जिसको लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

जनपद सदस्य जयसिंह कुसाम ने कहा कि जैसे ही मुझे पता चला कि इनके पिता के नाम से नहीं, बल्कि पति के नाम से जाति प्रमाण पत्र बना है, तो हमने सूचना का अधिकार (RTI) लगाया। सूचना का अधिकार लगाने पर सही जानकारी मिली कि पति के नाम से जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात की तकलीफ है कि हमारे क्षेत्र के जितने भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग हैं, उनके हक और अधिकार को छीना गया है और किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा उनका स्थान ले लिया गया है। यदि वास्तव में अनुसूचित जनजाति वर्ग का कोई व्यक्ति होता, तो उसी को चुना जाता एक क्षेत्र से एक ही विधायक चुना जाता है।

इसीलिए हमने एक टीम बनाकर कार्रवाई की पहल की है। अगर जांच समिति ने कार्रवाई नहीं की, तो हम आंदोलन और धरना-प्रदर्शन करेंगे। हाईकोर्ट से आदेश भी हो चुका है, जिसके बाद उनके सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। हमने अंबिकापुर, वाड्रफनगर एसडीएम कार्यालय और बलरामपुर जिले में भी दस्तावेजों की जांच कराई, लेकिन कहीं भी उनका मूल जाति प्रमाण पत्र नहीं मिला।

जनपद सदस्य जयसिंह ने कहा कि यह सब पता चल गया कि ये यहां के नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के हैं और आरक्षण का लाभ प्रवासी लोग नहीं ले सकते, जबकि इन्होंने प्रवासी होते हुए भी लाभ लिया है। इनके पिता प्रवासी हैं, जो यहां नौकरी कर रहे थे। अब इनका सेटलमेंट यहां नहीं है, इसलिए इन्होंने अपना जाति प्रमाण पत्र पति के नाम से बनवाया है।