Jayesh Logistics IPO Listing: लाखों इन्वेस्टर्स की उम्मीदों पर पानी फिर गया. जिस IPO ने सब्सक्रिप्शन के दौरान मार्केट में हंगामा मचाया था, उसकी लिस्टिंग के दिन ही माहौल ठंडा पड़ गया लाखों इन्वेस्टर्स की उम्मीदों पर पानी फिर गया. जिस IPO ने सब्सक्रिप्शन के दौरान मार्केट में हंगामा मचाया था, उसकी लिस्टिंग के दिन ही माहौल ठंडा पड़ गया. लॉजिस्टिक्स सेक्टर की नई कंपनी Jayesh Logistics Ltd. की NSE SME प्लेटफॉर्म पर एंट्री निवेशकों को निराश कर गई.

₹122 के इश्यू प्राइस पर जारी हुए शेयर ₹120 पर खुले, यानी डिस्काउंट लिस्टिंग. इतना ही नहीं, लिस्टिंग के कुछ ही घंटों में स्टॉक ₹114 के लोअर सर्किट तक फिसल गया. इन्वेस्टर्स के लिए यह लगभग 6.5% का नुकसान साबित हुआ, जबकि ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ₹131 का इशारा कर रहा था, यानी 7% प्रीमियम की उम्मीद थी.

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Jayesh Logistics IPO Listing
Jayesh Logistics IPO Listing

IPO को मिला था जबरदस्त रिस्पॉन्स, लेकिन मार्केट ने दिया झटका

27 से 29 अक्टूबर तक खुले ₹28.63 करोड़ के इस इश्यू को मार्केट से 65.59 गुना तक सब्सक्रिप्शन मिला था.

  • QIBs (Qualified Institutional Buyers): 40.86 गुना
  • NII (Non-Institutional Investors): 138.75 गुना
  • Retail Investors: 51.79 गुना

इतनी जोरदार डिमांड के बावजूद शेयर का कमजोर प्रदर्शन मार्केट सेंटिमेंट्स और सेक्टर के मौजूदा दबाव को दर्शाता है.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, “ग्रे मार्केट प्रीमियम हमेशा असली तस्वीर नहीं दिखाता. लिस्टिंग के दिन बाजार की स्थिति और कंपनी की वास्तविक बैलेंस शीट ही असली रोल निभाती है.”

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IPO से जुटाई गई राशि कहाँ होगी खर्च? (Jayesh Logistics IPO Listing)

Jayesh Logistics ने इस इश्यू के जरिए जुटाए गए फंड को विस्तार और तकनीकी विकास में लगाने का फैसला किया है. कंपनी की फंड अलोकेशन इस प्रकार है:

  • ₹8.85 करोड़: Side Wall Trailers की खरीदारी
  • ₹11.24 करोड़: वर्किंग कैपिटल की जरूरतें
  • ₹0.72 करोड़: Smart Logistics App के दूसरे चरण के विकास में
  • बाकी राशि: कॉरपोरेट और सामान्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होगी

कंपनी का प्रोफाइल: कैसे काम करती है Jayesh Logistics

2011 में स्थापित, Jayesh Logistics एक मल्टी-नेशनल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सर्विस प्रोवाइडर है. कंपनी भारत के साथ-साथ नेपाल, भूटान और बांग्लादेश में सप्लाई चेन, ट्रांसपोर्टेशन, वेयरहाउसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन सेवाएं देती है. इसके साथ ही यह पोर्ट्स पर लोडिंग-अनलोडिंग का काम भी करती है और शिपमेंट्स को रियल टाइम में ट्रैक करने की सुविधा देती है.

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वित्तीय स्थिति: हर साल दोगुनी रफ्तार (Jayesh Logistics IPO Listing)

कंपनी की कमाई पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है:

  • FY2023: शुद्ध मुनाफा ₹1.09 करोड़
  • FY2024: शुद्ध मुनाफा ₹3.16 करोड़
  • FY2025: शुद्ध मुनाफा ₹7.20 करोड़

इस दौरान कंपनी की कुल आय ₹112.03 करोड़ तक पहुंच गई, जो लगभग 36% CAGR की दर से बढ़ी. वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में ही कंपनी ने ₹2.02 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है. जून 2025 तक Jayesh Logistics पर ₹29.65 करोड़ का कर्ज और ₹13.01 करोड़ का रिजर्व था.

लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर दबाव और निवेशकों की चिंता

लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में इस समय फ्यूल कॉस्ट, इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट रेगुलेशन और कमजोर ट्रकिंग डिमांड जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं. इसी वजह से स्मॉल-कैप और SME कंपनियों में निवेशक फिलहाल सावधानी की रणनीति अपना रहे हैं. Jayesh Logistics की शानदार सब्सक्रिप्शन के बावजूद कमजोर लिस्टिंग इसी रिस्क सेंटिमेंट का नतीजा मानी जा रही है.

अब आगे क्या? (Jayesh Logistics IPO Listing)

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनी के फाइनेंशियल्स और लॉन्ग-टर्म एक्सपैंशन प्लान्स मजबूत हैं. अगर स्टॉक कुछ हफ्तों तक स्थिर रहता है, तो मीडियम टर्म में रिकवरी की संभावना है. हालांकि फिलहाल, IPO इन्वेस्टर्स के लिए यह शुरुआत उतनी ‘स्मूद राइड’ साबित नहीं हुई, जितनी उन्होंने सब्सक्रिप्शन के वक्त उम्मीद की थी.

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