हर्षित तिवारी, खातेगांव। कहते हैं किस्मत जब साथ देती है तो रंक भी राजा बन जाता है। ऐसा ही हुआ है मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की धार्मिक नगरी महेश्वर के रहने वाले अमित धुर्वे के साथ, जो कभी झोपड़ी में रहकर हारमोनियम सुधारने का काम करते थे। आज वही अपनी सुरीली आवाज से बागेश्वर धाम के मंच पर भजन गाकर देश-विदेश में प्रसिद्ध हो चुके हैं। अब उन्हें देशभर से कार्यक्रमों के ऑफर मिल रहे हैं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एल्बम सॉन्ग के लिए टी-सीरीज और भोजपुरी गायक मनोज तिवारी तक ने भी संपर्क किया है।
ऐसे बदली किस्मत
Lalluram.com से खास बातचीत में 36 साल के अमित धुर्वे ने बताया कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री और मां नर्मदा की कृपा से उन्हें यह पहचान मिली। एक कार्यक्रम में मेरा भजन (गजल) गाते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद खुद धीरेंद्र शास्त्री जी का फोन आया. उन्होंने मुझे बागेश्वर धाम बुलाया, मंच पर गाने का मौका दिया और वहीं से मेरी किस्मत बदल गई।
कच्ची झोपड़ी में रहते हैं अमित
अमित धुर्वे मूल रूप से मध्य प्रदेश के कटनी जिले के बड़गांव के रहने वाले हैं। आदिवासी समाज से आते हैं। 14-15 साल से महेश्वर के बूढ़ी झीन इलाके में एक झोपड़ी में अपने 5 बच्चों (3 लड़कियां, 2 लड़के) और पत्नी के साथ रह रहे हैं। माता-पिता कटनी में ही रहते हैं। अमित की गरीबी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जिस घर में वह रहते हैं, उसकी दीवारें मिट्टी से बनी हुई हैं और छत तिरपाल से ढकी है। बागेश्वर धाम में आकर गाने वाले एक गरीब आदिवासी सिंगर की किस्मत पलट गई है। गायक अमित धुर्वे ने बागेश्वर धाम में मंच से लोगों को गजल शैली में भजन सुनाया था। साथ ही इंटरनेट पर भी उनका वीडियो लोगों को खूब पसंद आया। अब अमित धुर्वे को एक नामी म्यूजिक कंपनी से गाने का ऑफर मिला है।
गांव -गांव जाकर हारमोनियम रिपेयर करते थे
“मैं कोई बड़ा कलाकार नहीं हूं… बस ईश्वर का आशीर्वाद है।” ये शब्द हैं उस गायक के, जिसकी आवाज़ इन दिनों सोशल मीडिया पर धूम मचा रही है। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले इस गायक ने अपनी मेहनत और लगन से वो मुकाम हासिल किया है, जिसका कभी सपना भी नहीं देखा था। साइकिल से गांव -गांव जाकर हारमोनियम रिपेयर करना ही उनकी रोजी-रोटी का साधन रहा है। पूरे परिवार की आजीविका इसी काम पर निर्भर करती रही, लेकिन कभी शिकायत नहीं की। बस विश्वास रखा कि ईश्वर एक दिन राह ज़रूर दिखाएगा।
वायरल होते ही देशभर से आने लगे फोन
बचपन से साधु-संतों के बीच रहे इस गायक ने अपने सुरों को भक्ति की धारा से जोड़ा और वही आज उनकी पहचान बन गई। कहते हैं, जब सच्ची भावना से कुछ किया जाए, तो ईश्वर खुद रास्ता बना देता है। वायरल होने के सिर्फ दो दिन के भीतर ही उनके पास देशभर से फोन आने लगे। फिल्म जगत और बड़े संगीतकारों ने भी उनकी आवाज़ को सराहा।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
 - उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
 - लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
 - खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
 - मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें
 

