अमित पांडेय, खैरागढ़। खैरागढ़ के वनांचल ग्राम पंचायत गातापार जंगल के आश्रित ग्राम लिमउटोला, सांकरी और गाड़ाघाट में डायरिया का प्रकोप फैल गया है। ग्रामीणों के बीच मचे हड़कंप के बीच स्वास्थ्य विभाग ने राहत और उपचार अभियान शुरू कर दिया है। अब तक 50 से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।


जानकारी के अनुसार, ग्राम लिमउटोला निवासी गायत्री देवी (55) की मृत्यु के बाद उनके घर पर नहावन कार्यक्रम और मृत्यु भोज आयोजित किया गया था। भोज के अगले ही दिन यानी 31 अक्टूबर से कई ग्रामीणों को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायतें होने लगीं। हालत बिगड़ने पर दर्जनों ग्रामीणों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पांडादाह और सिविल अस्पताल खैरागढ़ में भर्ती कराया गया, वहीं दो लोगों को गंभीर अवस्था में राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। इसी दौरान ग्राम लिमउटोला के ही 37 वर्षीय समारु गोंड, पिता सुखरू गोंड को बीती रात तेज उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत के बाद सिविल अस्पताल खैरागढ़ लाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है और लोग भय के साये में हैं।

स्वास्थ्य विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। डॉक्टरों की टीम लगातार गांव में डेरा डाले हुए है और घर-घर जाकर मरीजों का उपचार कर रही है। ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने, भोजन और सब्जियों को गर्म पानी से धोने, तथा साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आशीष शर्मा ने बताया कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और अधिकांश मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी लगातार निगरानी कर रहे हैं और अगर जरूरत पड़ी तो आसपास के गांवों में भी स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। गांव में फिलहाल एहतियात के तौर पर मृत्यु भोज और बड़े आयोजनों पर रोक की अपील की गई है। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
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