Kartik Purnima 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा वर्ष के सबसे पवित्र दिनों में से एक मानी जाती है. यह दिन दीपदान, गंगा स्नान, दान और भगवान विष्णु की आराधना के लिए अत्यंत फलदायी होता है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा आज यानी 5 नवंबर को मनाई जाएगी. शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन किया गया स्नान और दान अक्षय पुण्य देता है और जन्मों के पापों से मुक्ति दिलाता है.

इस पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का संहार कर देवताओं को विजय दिलाई थी. इसलिए इस दिन शिव पूजन का भी विशेष महत्व है. गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान कर दीपदान करना अत्यंत शुभ माना गया है. जो लोग नदी तक नहीं जा सकते, वे घर में ही जल से भरे पात्र में दीपदान कर सकते हैं.
स्नान का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर की रात 11:10 बजे से शुरू होकर 5 नवंबर की रात 11:55 बजे तक रहेगी. इस दौरान प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में स्नान-दान का सबसे शुभ समय रहेगा. हालांकि, इस दिन सुबह के कुछ समय तक भद्रा काल रहेगा, जो 4 नवंबर की देर रात 11:10 बजे से लेकर 5 नवंबर की सुबह 7:40 बजे तक रहेगा. भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं, इसलिए पूजा-पाठ व दान का कार्य इसके बाद करना उत्तम रहेगा.
दान का विशेष महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी का पूजन, गाय को चारा और जरूरतमंदों को अन्न-वस्त्र दान विशेष पुण्यफल देता है. कहा जाता है, इस दिन एक दीप जलाना हजार दीपक जलाने के समान फल देता है. इसलिए कल का दिन श्रद्धा और आस्था से भरपूर आध्यात्मिक उत्सव का प्रतीक होगा.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

