उत्तम कुमार, मुजफ्फरपुर। Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले दरभंगा की गौरा बौराम सीट पर बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी ने अपने भाई और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी को चुनावी मैदान से हटा लिया है। अब वीआईपी ने इस सीट पर राजद से निष्कासित अफजल अली खान को समर्थन देने का ऐलान किया है।
हार के डर से पीछे हटे सहनी बंधु?
पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन अचानक यह फैसला लेकर मुकेश सहनी ने सबको चौंका दिया। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हार के डर से मुकेश और उनके भाई ने हथियार डाल दिए और मैदान छोड़ दिया। जबकि कुछ दिन पहले तक खुद मुकेश सहनी ने भाई संतोष के लिए जनसभाएं की थीं यहां तक कि तेजस्वी यादव ने भी उनके समर्थन में वोट मांगे थे। मुकेश सहनी के इस फैसले को एनडीए के नेता मुद्दा बनाते हुए महागठबंधन पर लगातार हमलावर हैं।
निषाद समाज को छला गया- डॉ राजभूषण चौधरी
संतोष सहनी के चुनावी मैदान से हटने और अफजल अली खान को समर्थन देने के ऐलान पर केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री डॉ राजभूषण चौधरी ने प्रेस वार्ता कर अपनी बातों को सामने रखा है। उन्होंने कहा कि, संतोष सहनी जिस सीट पर लड़ रहे थे, उस सीट पर राजद के प्रत्याशी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुकेश सहनी ने समर्थन दे दिया। यह दर्शाता है कि मुकेश सहनी का महागठबंधन में कुछ चल नहीं रहा है, निषाद समाज को छला गया।
उन्होंने कहा कि, निषाद समाज यह बात समझ गया है की किस तरह से महागठबंधन के लोग और मुकेश सहनी ने निषाद समाज को छला है। इन्होंने निषाद समाज को बेइज्जत करने का काम किया है। निषाद समाज ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है, लेकिन वह समझदार है और वह आने वाले समय में बताएंगे कि उनका महत्व क्या है? जो गठबंधन 243 सीट बांट नहीं पाई, 254 सीट पर खड़े हो गए। बिहार के बजट को किस तरह संभालेंगे और बिहार का विकास कैसे करेंगे? और मुकेश सहनी को भी कांग्रेस और आरजेडी वालों ने बुरी तरह से छला है।
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