देहरादून. पूर्व सीएम हरीश रावत ने सीएम धामी पर करारा हमला बोला है. हरीश रावत ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, रजत जयंती वर्ष, विशेष विधानसभा सत्र! निराशा के दो दिन! न 25 वर्ष की विकास गाथा का कोई सही मूल्यांकन और न आगे के वर्षों के लिए कोई उत्साह बढ़ाता हुआ रोड मैप मुख्यमंत्री जी तो जिहादी मुख्यमंत्री हैं. पहाड़-मैदान की उत्साह तोड़ती नोंक-झोंक. हम सब उत्तराखंडी हैं. सामूहिक फैसला लेने की इच्छा शक्ति का अभाव है. यदि पहाड़ के गांव बर्बाद होंगे तो तराई-भाबर और गंगा की तलहटी भी कैसे बढ़ पाएगी? फिर से प्रयास हमको बांटने का, आखिर यह सरकार भी तो झूठ के गर्भ से पैदा हुई है.
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आगे हरीश रावत ने कहा, सत्यता यह है कि 2017 की सरकार भी झूठ के गर्भ से पैदा हुई थी. वह सरकार जुम्मे की नमाज़ की छुट्टी के झूठ से पैदा हुई थी और 2022 की सरकार मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएंगे के झूठ से पैदा हुई है. यह “झूठ की सरकार फूट” ही तो पैदा करेगी. चुनौती, विधानसभा के पटल पर वह गजट नोटिफिकेशन रखें, जिस गजट नोटिफिकेशन में तत्कालीन सरकार ने नमाज़ पढ़ने के लिए शुक्रवार के दिन की छुट्टी की है.
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आगे हरीश रावत ने ये भी कहा कि अपने राज्य के सरकारी कार्यालयों में दिखाएं उस गजट नोटिफिकेशन को, उसको पटल पर रखें, कहीं से भी कोई ऐसा बयान सदन के पटल पर रखें जिसमें एक पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा हो कि सत्ता में आएंगे मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएंगे. आखिर वह व्यक्ति भी तो इसी राज्य का मुख्यमंत्री रहा है. यदि उसने कहा है तो उसका बयान कहीं तो मिलेगा? “न झूठ को स्वीकारने की हिम्मत, न झूठ का पर्दाफाश करने की हिम्मत”, मैं यही दो दिनों के विशेष सत्र का निष्कर्ष देख रहा हूं.
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