लुधियाना। समराला ब्लॉक (लुधियाना) में नेशनल लेवल कबड्डी खिलाड़ी गुरविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पंजाब में एक बार फिर कबड्डी खिलाड़ी की हत्या ने पूरे पंजाब को हिला दिया है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस हत्या की जिम्मेदारी खुद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया पर ली है। गैंग के सदस्य हरि बॉक्सर और अर्जू बिश्नोई ने अनमोल बिश्नोई के नाम से एक पोस्ट शेयर कर लिखा, “जो हमारे दुश्मनों का साथ देंगे, अगली गोली उनकी छाती में जाएगी। या तो सुधर जाओ या मिटने के लिए तैयार रहो।”
किसने की गुरविंदर सिंह की हत्या?
यह पोस्ट अब पूरे पंजाब में खौफ का माहौल बना रही है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में कई कबड्डी खिलाड़ियों की हत्या इसी तरह हुई है। मारे गए खिलाड़ी गुरविंदर सिंह 2016 से अब तक पंजाब में मारे गए 10वें कबड्डी खिलाड़ी हैं। गुरविंदर की हत्या करण मदपुर और तेज चक नाम के दो लोगों ने की, जबकि सोशल मीडिया पर हरि बॉक्सर और अर्जू बिश्नोई नामक गैंगस्टर्स ने इसकी जिम्मेदारी ली। बताया जा रहा है कि यह पोस्ट अनमोल बिश्नोई, जो लॉरेंस बिश्नोई का भाई है, के नाम से चल रहे एक अकाउंट से डाली गई।
गुरविंदर सिंह की हत्या कोई पहली वारदात नहीं है। साल 2016 से अब तक 10 कबड्डी खिलाड़ी पंजाब में मारे जा चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, कबड्डी का खेल अब सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक “पावर और पैसे की दुनिया” बन गया है। विदेशों कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया में बसे पंजाबी कबड्डी खिलाड़ियों के बीच यह खेल बेहद लोकप्रिय है। इन खिलाड़ियों के जरिए विदेशों से लाखों रुपये पंजाब में आ रहे हैं, जिससे खेल में अपराधी और ड्रग माफिया की घुसपैठ बढ़ गई है। कुछ खिलाड़ी इन गैंगस्टरों और ड्रग नेटवर्क से जुड़ गए। कई बार पैसे और इगो की लड़ाई झगड़ों में बदल गई और नतीजा-गोलियां और मौत।

तेजपाल सिंह की हत्या के बाद एक हफ्ते में दो खिलाड़ी मारे गए
पिछले हफ्ते 26 साल के नेशनल लेवल कबड्डी खिलाड़ी तेजपाल सिंह को कुछ लोगों ने बेरहमी से पीटा और फिर गोली मार दी थी। पुलिस ने दो आरोपियों गगनदीप सिंह और हरप्रीत सिंह उर्फ हनी को गिरफ्तार किया। शुरुआती जांच में निजी रंजिश की बात सामने आई, लेकिन अब गुरविंदर सिंह की हत्या ने इन घटनाओं को बड़ा गैंगवार पैटर्न बना दिया है।
पंजाब पुलिस ने कबड्डी लीग आयोजनों और खिलाड़ियों के “कॉन्टेक्ट सर्कल” की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, कई टूर्नामेंट्स में ड्रग माफिया का पैसा लगाया गया था। कुछ आयोजकों और खिलाड़ियों के गैंगस्टरों से संपर्क के सबूत भी मिले हैं। पुलिस का कहना है कि वह अब खिलाड़ियों की सुरक्षा और गैंग्स की फंडिंग दोनों की जांच साथ में कर रही है। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि “क्या खेल का मैदान फिर से खेल के लिए बचेगा, या गोलियों के लिए?
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