Guru Nanak Jayanti 2025: आज पूरा देश सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु, गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व (गुरुपर्व) बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मना रहा है. कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर मनाया जाने वाला यह पर्व मानवता, समानता और निस्वार्थ सेवा का संदेश देता है.
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गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन में तीन मुख्य सिद्धांत दिए, जिन्हें सिख धर्म का आधार माना जाता है.
नाम जपो (ईश्वर का स्मरण): सच्चे हृदय से ईश्वर के नाम का जाप करना और हर पल उसे याद रखना.
कीरत करो (ईमानदारी से काम): मेहनत और ईमानदारी से अपनी आजीविका कमाना.
वंड छको (बांटकर खाओ): अपनी कमाई, भोजन और संसाधनों को ज़रूरतमंदों के साथ बांटना.
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Guru Nanak Jayanti 2025. ‘वंड छको’ सिद्धांत का सर्वोत्तम उदाहरण है ज़रूरतमंद को भोजन कराना. यह क्रिया केवल खाना खिलाना नहीं है, बल्कि सेवा, करुणा और समानता की भावना को जीवन में उतारना है. जब हम अपनी मेहनत की कमाई (कीरत करो) से किसी भूखे व्यक्ति को भोजन कराते हैं, तो हम सीधे तौर पर गुरु नानक देव जी के उपदेशों का पालन करते हैं. यह हमें सिखाता है कि समाज में सभी लोग समान हैं और सच्ची खुशी दूसरों के साथ बांटने में ही मिलती है.
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