हेमंत शर्मा, इंदौर। नगर निगम में भ्रष्टाचार का ऐसा खेल सामने आया है, जिसने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। Lalluram.com की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि निगम के एक नामांतरण बाबू लक्ष्मी नारायण बैंडवाल ने लाखों रुपए लेकर एक मरे हुए व्यक्ति के नाम पर नया खाता खोल दिया। 

दरअसल, मामला 87-1/12 मकान नंबर का है, जो नरेंद्र कुमार पिता बिरदी चंद्र के नाम पर था। उनका संपत्ति कर खाता क्रमांक 1000957906 साल 1996 से संचालित था। लेकिन साल 2017 में नरेंद्र कुमार की मृत्यु के बाद भी नामांतरण नहीं हो सका। तब इसके बजाय साल 2020 में एक नया खाता (क्रमांक 100095905) खोल दिया गया और उसमें मृतक नरेंद्र कुमार के नाम पर ही दिखा दिया गया।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि नामांतरण के लिए जिस शपथ पत्र का उपयोग किया गया, उस पर कई जगह फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके साथ ही रजिस्ट्री में न तो चैन डॉक्यूमेंट दिए गए, न ही हाउसिंग बोर्ड की अनुमति ली गई। जबकि हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में नामांतरण पहले हाउसिंग बोर्ड से अनुमोदन के बाद ही नगर निगम में होता है।

सूत्रों के अनुसार, यह पूरा खेल नामांतरण बाबू लक्ष्मी नारायण बैंडवाल ने लाखों रुपए लेकर किया। वरिष्ठ अधिकारियों को जब दस्तावेज दिखाए गए, तो उन्होंने इसे फर्जी बताते हुए कहा कि इस तरह नामांतरण संभव ही नहीं है।जानकारी के मुताबिक, यह गड़बड़ी उस समय हुई जब संबंधित संपत्ति जोन 6 से जोन 5 में ट्रांसफर हो रही थी। मौके का फायदा उठाकर लक्ष्मी नारायण बैंडवाल ने पूरा फर्जीवाड़ा कर दिया। अब इस पूरे मामले की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच चुकी है और जल्द ही दोषी पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। 

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