अमेरिका ने बिना हथियार वाली मिनटमैन-3 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया है। इसकी जानकारी अमेरिकी स्पेस फोर्स कमांड ने दी। यह मिसाइल कैलिफोर्निया स्थित वैंडेनबर्ग एयर फोर्स बेस से प्रक्षेपित की गई। मिनटमैन-3 मिसाइल परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता 14,000 किलोमीटर तक मानी जाती है। अमेरिकी स्पेस फोर्स कमांड के अनुसार, इस परीक्षण का उद्देश्य ICBM प्रणाली की विश्वसनीयता, ऑपरेशनल तत्परता और सटीकता का आकलन करना था।

अमेरिका समय-समय पर ऐसे परीक्षण करता है ताकि परमाणु प्रतिरोधक क्षमता वाली अपनी स्ट्रैटेजिक फोर्स की तैयारी को बनाए रखा जा सके। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह परीक्षण किसी भी देश के खिलाफ संदेश या भूराजनीतिक तनाव से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह एक नियमित और निर्धारित अभ्यास का हिस्सा है।

इस परीक्षण की शुरुआत 625वें स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस स्क्वाड्रन की टीम ने एयरबोर्न लॉन्च कंट्रोल सिस्टम के माध्यम से की। यह सिस्टम मिसाइल के कमांड और कंट्रोल के लिए एक बैकअप लॉन्च व्यवस्था के रूप में काम करता है। परीक्षण के दौरान यह परखा गया कि यदि ज़मीनी कंट्रोल सिस्टम किसी कारण से निष्क्रिय हो जाए, तो एयरबोर्न सिस्टम से ICBM को सुरक्षित और सटीक तरीके से लॉन्च किया जा सकता है या नहीं।

मिशन कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल कैरी रे ने कहा कि यह परीक्षण केवल मिसाइल के उड़ान प्रदर्शन पर केंद्रित नहीं था, बल्कि पूरे ICBM संचालन तंत्र, जिसमें कमांड, कंट्रोल और सपोर्ट सिस्टम शामिल हैं, की क्षमता और तत्परता की जाँच के लिए किया गया।

मिसाइल ने 6759 किमी दूरी तय की

परीक्षण के दौरान मिनटमैन-3 मिसाइल ने लगभग 4,200 मील (करीब 6,759 किमी) की दूरी तय की और मार्शल आइलैंड्स स्थित रोनाल्ड रीगन बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस टेस्ट साइट तक पहुँची। इस परीक्षण रेंज में मौजूद उन्नत रडार, ट्रैकिंग सिस्टम और सेंसर के माध्यम से मिसाइल की उड़ान, मार्ग और लक्ष्यभेदन क्षमता से जुड़ा तकनीकी डेटा संग्रहित किया गया। इस मिशन में अमेरिकी एयरफोर्स की तीनों मिसाइल विंग्स के एयरमेन शामिल थे। इसके साथ ही वायोमिंग स्थित F.E. वॉरेन एयर फोर्स बेस के मेंटेनेंस और लॉजिस्टिक स्टाफ ने भी परीक्षण को तकनीकी समर्थन प्रदान किया।

मिनटमैन-3 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) प्रणाली की उम्र लगभग 50 वर्ष हो चुकी है। अमेरिका वर्तमान में इसे नए पीढ़ी के LGM-35A सेंटिनल ICBM सिस्टम से बदलने की योजना पर काम कर रहा है, लेकिन सेंटिनल कार्यक्रम अभी पूर्ण रूप से तैयार नहीं हुआ है। ऐसे में रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, मिनटमैन-3 की परिचालन क्षमता और विश्वसनीयता को बनाए रखना रणनीतिक रूप से आवश्यक है।

यू.एस. स्ट्रैटेजिक कमांड के जनरल S.L. डेविस ने कहा कि यह परीक्षण केवल लॉन्चिंग नहीं, बल्कि पूरे ICBM नेटवर्क की विश्वसनीयता की पुष्टि है। उनके अनुसार, परीक्षण से यह साबित होता है कि मिनटमैन-3 अभी भी सक्रिय, सुरक्षित और विश्वसनीय है, और जब तक नई सेंटिनल प्रणाली पूरी तरह से तैनात नहीं हो जाती, तब तक यह प्रणाली अमेरिकी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का एक प्रमुख हिस्सा बनी रहेगी।

पिछला परीक्षण मई में हुआ था

मिनटमैन-3 का पिछला परीक्षण मई में किया गया था। ऐसे परीक्षणों की योजना कई वर्षों पहले ही तैयार कर ली जाती है और इन्हें नियमित अंतराल पर अंजाम दिया जाता है। वर्तमान में अमेरिका ने 2030 तक के परीक्षण कार्यक्रम तय कर दिए हैं, जबकि 2030 के बाद की रणनीति पर अभी विचार जारी है।

उधर, मिनटमैन-3 की जगह लेने के लिए तैयार की जा रही नई LGM-35A सेंटिनल ICBM प्रणाली को लेकर देरी और लागत बढ़ने की चिंताएँ सामने आ रही हैं। इस प्रोजेक्ट की शुरुआती अनुमानित लागत 78 बिलियन डॉलर थी, जो अब बढ़कर 140 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिज़ाइन संबंधी बदलाव, इंडस्ट्रियल सप्लाई चेन चुनौतियाँ और समय सीमा में लगातार विस्तार इसकी मुख्य वजहें हैं।

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