देहरादून। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में 335 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र संचालित हैं, जबकि 48 नए केंद्र प्रस्तावित हैं। इन केंद्रों से आम नागरिकों को दवाएं बाजार मूल्य से 50-80% तक सस्ती मिल रही हैं। राज्य में टीबी मुक्त उत्तराखण्ड अभियान के तहत 2,182 पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की जा चुकी हैं। अभियान में 18,159 निक्षय मित्र अब तक जुड़ चुके हैं, जिनमें से 8,658 सक्रिय रूप से टीबी मरीजों को गोद लेकर सहयोग कर रहे हैं।
सभी धामों में डॉक्टर की विशेष तैनाती
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने हर वर्ष चार धाम और कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी धामों और यात्रा मार्गों पर विशेषज्ञ डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और जीवनरक्षक उपकरणों की तैनाती की जाती है। स्वास्थ्य सलाह (health advisory) 13 भाषाओं में जारी की जाती है, ताकि देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को कोई असुविधा न हो।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत देहरादून और अल्मोड़ा में दो नए परिवार नियोजन साधनों की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही डेंगू और अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम को लेकर विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत 19 केंद्रों में 166 मशीनों द्वारा इस वर्ष अब तक 46,958 डायलिसिस सत्र संपन्न किए जा चुके हैं।
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स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक परिवर्तन आया
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक परिवर्तन आया है। आगामी वर्षों में हर गांव और हर व्यक्ति को समयबद्ध, सस्ती और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। यह परिवर्तन केवल योजनाओं का नहीं, बल्कि संकल्प और प्रतिबद्धता का परिणाम है। 2016 से अब तक राज्य में 65 blood bank स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें 28 सरकारी, 18 निजी व 19 चैरिटेबल संस्थान हैं। रक्त की उपलब्धता और आपातकालीन सेवाओं में बड़ी सुविधा मिली है।
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हर नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उत्तराखण्ड सरकार का लक्ष्य है कि राज्य का हर नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ सके। हमने स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुँचाने के लिए एनएचएम को एक मजबूत स्तंभ के रूप में कार्यरत किया है। आज प्रदेश में मातृ और शिशु मृत्यु दर ऐतिहासिक रूप से घटी है, संस्थागत प्रसव की दर में वृद्धि हुई है और लोगों में स्वास्थ्य के प्रति नई चेतना आई है। हमारी सरकार की प्राथमिकता है ‘स्वस्थ उत्तराखण्ड, समृद्ध उत्तराखण्ड’।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने के लिए रिकॉर्ड स्तर पर निवेश किया है। हेली-एंबुलेंस सेवा, आयुष्मान आरोग्य केंद्र, नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा में विस्तार जैसी पहलों से हमने स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुँचाया है। मेरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में उत्तराखण्ड देश के सबसे स्वस्थ राज्यों में शामिल होगा और हमारी नीतियां जनसेवा की नई दिशा तय करेंगी।
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