Rajasthan Accident: सीकर के कांवट बाईपास पर बुधवार रात सड़क हादसे में बाइक सवार दो सगे भाइयों और उनके चचेरे भाई की मौत हो गई। इस हादसे के बाद इलाके में मातम पसर गया। आज तीनों भाइयों का एक ही चीता पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो गईं। गांव के घरों में चूल्हें तक नहीं जले। पुलिस के अनुसार तीनों मृतक प्रीतमपुरी के वार्ड 14 निवासी थी। सगे भाई दिनेश सैन (38), दीपक सैन (36) पुत्र शंभूदयाल सेन और चचेरा भाई हिमांशु सैन (19) पुत्र भवानी सेन नीमकाथाना से गांव लौट रहे थे, तभी हादसे में तीनों की मौत हो गई।

रास्ते में कांवट बाइपास पर एक निजी कॉलेज के पास तेज गति से आ रहे ट्रैक्टर-ट्राली चालक ने अचानक से ब्रेक लगा दिया। इससे पीछे आ रही बाइक ट्रॉली से भिड़ गई। हादसे में तीनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों भाइयों को गंभीर हालत में थोई चिकित्सालय लाया। प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को अजीतगढ़ उपजिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां चिकित्सकों ने सगे भाई दिनेश व दीपक को मृत घोषित कर दिया। वहीं गंभीर घायल हिमांशु को जयपुर रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया।

तीनों मृतकों के शव गापं पहुंची तो मची चीख-पुकार

गुरुवार को अस्पताल में पुलिस की निगरानी में पोस्टमार्टम करवाया गया। इसके बाद दिनेश और दीपक के शव परिजनों को सौंपे गए। वहीं गुरुवार शाम जयपुर से हिमांशु का शव भी गांव प्रीतमपुरी लाया गया। तीनों के शव एक साथ गांव पहुंचे तो चीख-पुकार मच गई। मृतक तीनों युवक महाराष्ट्र में टाइल फिटिंग का काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर बताई जा रही है। तीनों 10 नवंबर को वापस महाराष्ट्र जाने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही हादसे ने उनकी जिंदगी छीन ली। मृतक दिनेश और उसके सगे भाई दीपक की करीब 15 साल पहले ही शादी हुई थी।

सगी बहनों का एक साथ उजड़ा सुहाग

दिनेश के दो लड़के हैं और दीपक के एक लड़का व एक लड़की है। दोनों की पत्नियां सगी बहनें हैं। दिनेश और दीपक सेन के पिता और मां गांव में ही मजदूरी करके परिवार को पालते हैं। दीपक का छोटा भाई सोमेश प्राइवेट बैंक में नौकरी करता है। हिमांशु तीन भाइयों में मंझला है। बड़ा भाई कमाने विदेश (बहरीन) गया है। छोटा भाई पढ़ाई करता है।

गांव में नहीं जले चूल्हे

हादसे की खबर जैसे ही गांव पहुंची, लोग अजीतगढ़ अस्पताल में उमड़ पड़े। अस्पताल परिसर में माहौल गमगीन रहा। गांव में तीनों युवकों की मौत की सूचना फैलते ही ज्यादातर घरों में चूल्हे तक नहीं जले। पूरे गांव में मातम छाया रहा। लोग परिजनों को ढांढस बंधाते रहे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। हादसे के बाद गांव में शोक का माहौल है।

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