राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को बने 150 साल हो गए हैं। देशभर में इसके लिए कई कार्यक्रम भी हुए। पीएम मोदी ने इस उपलक्ष्य पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। लेकिन मुंबई में वंदे मातरम को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। सपा विधायक अबू आजमी ने वंदे मातरम को लेकर विवादित बयान दिया है। आजमी ने कहा कि कोई मुझसे कोई वंदे मातरम नहीं बुलवा सकता है। किसी मुसलमान से वंदे मातरम नहीं बुलवाया जा सकता है। इस्लाम में जमीन-सूरज की पूजा नहीं, अल्लाह के सिवाय किसी की वंदना नहीं होती है। कहा कि जैसे आप नमाज नहीं पढ़ सकते, वैसे ही कोई मुसलमान वंदे मातरम नहीं बोल सकता।

बता दें कि मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम ने सपा विधायक अबू आसिम आजमी को उनके आवास के पास शुक्रवार सुबह होने वाले राष्ट्रीय गीत ‘‘वंदे मातरम्’’ के गायन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। साटम ने एक्स हैंडल से निमंत्रण की एक प्रति शेयरक की थी। इसमें आजमी को टैग किया गया था। बस यही से विवाद शुरू हो गया।

अबू आजमी ने साटम को कानूनी भाषा में जवाब देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है कि किसी को जबरन राष्ट्रगीत गाने के लिए बाध्य करना, व्यक्ति के धर्म और अंतरात्मा की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। इसके अलावा कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिनमें ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के समान कानूनी दर्जा और संरक्षण देने की मांग की गई थी।

आजमी के जवाब के बाद बीजेपी ने हंगामा शुरू कर दिया। मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अजित साटम और विधानसभा अध्यक्ष राहिल नार्वेकर ने शुक्रवार को अबू आसिम आजमी के घर के सामने मंच पर वंदे मातरम का पाठ किया। इस मंच से कुछ विवादित नारे भी लगने की बात कही जा रही है।

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