पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब अपने निर्णायक दौर में प्रवेश कर चुका है। दूसरे और अंतिम चरण के मतदान से पहले प्रदेश की सियासत पूरी तरह गर्म हो गई है। उम्मीदवारों और दलों के बीच प्रचार का शोर अपने चरम पर है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार 9 नवंबर की शाम 6 बजे के बाद चुनाव प्रचार पूरी तरह थम जाएगा। ऐसे में सभी प्रमुख दलों ने सीमांचल से लेकर मगध और शाहाबाद तक अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार दिया है। जनसभाओं, रोड शो और नुक्कड़ सभाओं का सिलसिला लगातार जारी है।
122 सीटों पर 1302 उम्मीदवार मैदान
दूसरे चरण में पहले की तुलना में अधिक जिलों और सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में कुल 122 सीटों पर 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 1165 पुरुष, 136 महिला और एक थर्ड जेंडर उम्मीदवार शामिल हैं। मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार का भाग्य 11 नवंबर को ईवीएम में बंद करेंगे। चुनाव आयोग को उम्मीद है कि पहले चरण की तरह इस बार भी मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
20 जिलों में डाले जाएंगे वोट
इस चरण में कुल 20 जिलों में वोटिंग होगी। इनमें पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, कैमूर और रोहतास शामिल हैं। यह इलाका सीमांचल से लेकर शाहाबाद और मगध बेल्ट तक फैला है, जो राजनीतिक रूप से बेहद निर्णायक माना जाता है।
45 हजार से अधिक बूथों पर मतदान
चुनाव आयोग ने इस चरण के लिए 45,399 मतदान केंद्र तैयार किए हैं, जिनमें 45,388 सामान्य और 11 सहायक बूथ हैं। इनमें से 5326 बूथ शहरी क्षेत्रों में जबकि 40,073 बूथ ग्रामीण इलाकों में बनाए गए हैं। इस चरण में कुल 3 करोड़ 70 लाख 13 हजार 556 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 1,95,44,041 पुरुष, 1,74,68,572 महिला और 943 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।
सुरक्षा और सुविधा दोनों पर जोर
चुनाव आयोग ने सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को सख्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मतदान केंद्रों पर न्यूनतम आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
महागठबंधन बनाम एनडीए
राजनीतिक दृष्टि से यह चरण कई दिग्गज नेताओं के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है। सीमांचल और मगध में जहां महागठबंधन अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटा है, वहीं एनडीए इन इलाकों में बढ़त हासिल करने की रणनीति पर काम कर रहा है। दोनों ही खेमों के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य स्टार प्रचारक जनसभाओं के जरिए मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
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